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संस्थान समचौरसादि छे भेद और अजीव संस्थान परिमंडलादि के भेद है। यहां पर अजीव संस्थान के भेद लिखते हैं-(१) परिमंडल संस्थान जो प्यूडी के आकार होता है (२) वह संस्थान गोल ला के आकार (३) प्रस-सिंघोरे के आकार (४) चोरस चोकीके आकार (५) आयतन लम्बा आकार (६) अवस्थित इनपांचों से विपरीत हो । परिमंडल संस्थान के द्रव्य क्या संख्याते, असंख्याते या अनन्ते है? संख्याते, असंख्याते नहीं किन्तु अनन्ते है एवं यावत् अन्वस्थातादि छेओं संस्थान के द्रव्य अनन्ते हैं।
परिमंडल संस्थान के प्रदेश क्या संख्याते, असंख्याते, या अनन्ते है ? संख्याते असंख्याते नहीं किन्तु अनन्ते हैं। यावत् अन्वस्थातादि छेओं संस्थान के कहना । अब इन छओं संस्थानों की द्रव्यापेक्षा अल्पाबहुत्व कहते है:
(१) सब से थोडा परिमंडल संस्थान के द्रव्य. (२) बट्ट संस्थान के द्रव्य संख्यात गुणा. (३) चौरस संस्थान के द्रव्य संख्यात गुणा. (४) अस संस्थान के द्रव्य संख्यात गुणा. (५) आयतन संस्थान के द्रव्य संख्यात गुणा. । ६ ) अन्वस्थित संस्थान के द्रव्य असंख्यात गुणा.
प्रदेशापेक्षा संस्थानों की अल्पाबहुत्व भी इसी माफिक समझ लेना । अब द्रव्य प्रदेशापेक्षा दोनोंकी शामिल अल्पाबहुत्व कहते हैं-(१) सब से थोडा परिमंडल संस्थान का द्रव्य (२) पट द्रव्य सं० गुणा० (३) चौरस द्रव्य तै० गुणा० । ४) प्रस ब्रम्प सं० गुणा० (५) आयतन द्रव्य सं• गुणा० ( ६ ) अन्वस्थित द्रव्य असं० गुणा० (७) परिमंडल प्रदेश असं० गुणा० (८) या प्रदेश सं० गुणा. (९), चौरस प्रदेश सं० गुणा० (१०) पस