Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka
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कथासंग्रह |
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* जामे भंडार के अन्थ*
संग्रहकर्त्ता अज्ञात भाषा हिन्दी पत्र संख्या ११. साइज ११||४५ ख । दीमक लगजाने से मंथ
फट गया 1
कथासंग्रह |
संग्रहकर्ता अज्ञात | भाषा हिन्दी ( प ) पत्र संख्या २६. साइज १० ||२५|| इ | प्रत्येक पृष्ठ पर १० पंक्तिया तथा प्रति पंक्ति में २५-३० अक्षर । संग्रह में बारह व्रत कथा, मौन एकादशी व्रत कथा, श्रतस्कंध व्रत कथा, कोकिला पंचमी व्रत कथा, और रात्रि भोजन कथा है। ये कथायें निम्न कवियों के द्वारा लिखी हुई हैं।
नाम कथा
कवि नाम
बारह व्रत कथा
मौन एकादशी व्रत कथा
श्रुतस्कंच व्रत कथा
कोकिला पंचमी व्रत कथा रात्रि भोजन कथा
ब्रह्म चंद्र सागर
ब्रह्म ज्ञान सागर
39
इक्कीसं
77
अज्ञात
कथाविलास |
Ila
रचयिता अज्ञात | भाषा हिन्दी गद्य । पत्र संख्या =० साइज १०|| ४ || ३ | विषय गंगावतरण | प्रति अपूर्ण है । ८० से आगे के पृष्ठ नहीं हैं। प्रति नवीन है।
कमलचंद्रायव्रतोद्यापन ।
रचयिता श्री देवेन्द्र कीर्ति । भाषा संस्कृत । पृष्ठ संख्या ३. साइज ११x४ | इछ। लिपि संवत् १७८२. लिपि स्थान सवाईमाधोपुर ।
..... प्रभ
प्रति नं० २. पत्र संख्या ४. साइज | ११|| ४ || इश्र्व । लिपि संवत् १८३६
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कर्णामृत पुराण
रचयिता भट्टारक श्री विजयकीर्त्ति । भाषा हिन्दी | पृष्ठ संख्या ८२. साइज ८७ इञ्च । विषयभगवान आदिनाथ से लेकर भगवान महावीर के पूर्व भवों का वर्णन दिया हुआ है । अध्याय श्रडतीस | रचना