Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka
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हेमविधानशति ।
रचयिता श्री उपाध्याय व्योम रत । भाषा संस्कृत | पत्र संख्या १३३ साइज १०||५|| इञ्च । प्रत्येक पृष्ठ पर १० पंक्तियां तथा प्रति पंक्ति में २४-३० अक्षर । लिपि संवत् १=६= विषय-प्रतिष्ठा शास्त्र ।
क्ष
क्षत्रचूडामणि।
संवत् १८३३
महाकवि वादीभसिंह विरचित | भाषा संस्कृत | पत्र संख्या ४३ साइज १०|| २ || इन | लिपि
पृष्ठ नहीं है ।
देपालपुचः।
प्रति ० २. पत्र संख्या ४५. साइज
प्रति नं० ३ पत्र संख्या ४०. साइ
* आमेर भंडार के प्रन्थ *
त्रिलोकज्ञप्ति |
1-1
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रचन्ता भट्टारक श्री सुरेन्द्रकीर्ति। भाषा संस्कृत । पृष्ठ संख्या २. साईज ११९५ । लिपि संवत् १८३६ स्थान माधोपुर ।
प्रति नं० २. पत्र संख्या ३. साइज ११६x४।। इ
त्र-
त्रिलोकसार, पूजा...
त्रिलोक प्रज्ञप्ति |
रचयिता श्री नेमिचन्द्राचार्य । भाषा प्राकृत | पत्र संख्या १६७ साइज १२३४५ इञ्छ। प्रत्येक पृष्ठ पर १३-१७ पक्तियां और प्रति पंक्ति में ४२-५ अक्षर लिपि संवत् १५१६. अन्त में एक श्लोकों वालों प्रशस्ति है | ग्रन्थ अपूर्ण है। शायद दो प्रन्थों को मिला कर एक ग्रन्थ कर दिया है अथवा प्रन्थः के फटा जाने से दूसरे पत्रों में लिखवा कर दिया है।
मा
प्रति नं० २. पत्र संख्या ३७, साइज १२४५॥ इति अपूर्ण
*
१२४४ ॥ इञ्च । लिपि संवत् १६५४.. ११ ||४४ || इ
| लिपि संवत् १५६६ अन्तिम प्रशस्ति वाला:
B
भाषा प्राकृत | पत्र संख्या ६३. साइज १९०५ इञ्च लिपि संवत् १५७६.
रचयिता अज्ञात | भाषा संस्कृतः। पुत्रः संख्या ११२. उसाइज ११४४॥ । प्रत्येक पृष्ठ पर ११
एक सौ. तरे सॅट