Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka
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________________ * श्री महावीर शास्त्र भंडार के अन्य * 304 त्रिवणाचार / रचयिता अचार्य काल कीति / भान संस्कृत / पत्र संख्या 58. स इज 1845 इञ्च / अधिकार पांच हूँ / लिपि संवत् 1635. लिपिकर्ता बोई लात / प्रति नं० 2. पत्र संख्या 50 साइज 1544|| इञ्च / प्रति अपूर्ण है / 50 से भागे के पृष्ठ नहीं हैं। 305 त्रिवर्णाचार / ... रचयिता अज्ञात / भाषा संस्कृत / पत्र संख्या 24. साइज 10||45 इञ्च / 306 त्रैलोक्य प्रदीप / रचा . ता वामदेव / भाषा सं कृत ; पत्र संख्या 66. अध्याय तीन हैं। लिपि संवत् 1827. वैशाख चुदी 14. प्रति पूर्ण है। प्रति नं० 2. पत्र संख्या 86. साइज 10x4|| इश्व / लिपि संवत 1436. लिपिस्थान योगिनीपुर। लिपिका ने फिरोजशाह तुगलक के शासन काल का उल्लेख किया है / लिखावट सुन्दर है। 307 त्रैलोक्य स्थिति / भाषा संस्कृत / पत्र संख्या 11. साइन 1145 / / ३ञ्च / लिपि संवत् 1823, लिपिकर्ता नैण सागर / तीनों लोकों के आकार प्रकार सम्बन्धी विषय को रेखागणित द्वारा समझाया गया है। 308 ज्ञानार्णवसार / रचयिता प्राचार्य श्रुतसागर / भाषा संस्कृत गद्य / पत्र संख्या 1. साइज 1245 / / इञ्च / लिपि संवत् 1785. लिपिकर्ता पं० मनोहर लाला / लिविस्थान आमेर / संक्षिप्त रूप से ज्ञानार्ण च का सार दिया हुआ है। प्रति न० 2. पत्र संख्या 13. साइज 11||45 इश्च / छाजू लाल सहन दोसौ.अारह