Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka
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* श्री महावीर शास्त्र भंडार के अन्य *
प्रति नवीन है।
प्रति नं० २. संख्या १६. साइज १०x११ इञ्च । प्रति पूर्ण है । इसी पूजा की दो प्रति और है। २६१ समयसारसटीक ।
मुलका आचार्य कुन्दकुन्' । दीकाकार श्री अमृत चन्द्राचार्य । भाषा प्राकृत-संस्कृत । पत्र संख्या २३५, साइज १८४५||! इञ्च । प्रत्येक पृष्ठ पर ७ पंक्तियां तथा प्रति पंक्ति में ३४-३८. अक्षर । प्रति नवीन है। लिखावट सुन्दर है। टीका का नाम श्रात्मख्याति है।
२६२ समयसार नाटक ।
रचयिता महाविता बनारसीदास । भाषा हिन्दी। पत्र संख्या ७२. साइज ११॥॥४५॥ इश्च । लिपि संवत् १६२७. प्रति पूर्ण है।
प्रति नं० २, पत्र संख्या ७६. साइज १६x४।। इञ्च । लिपि संवत् १७१३ माह बुदी १३...
प्रत्ति नं० ३. पत्र संख्या =५. साइज Ex-|| इश्च । प्रति प्राचीन है। प्रथम पृष्ठ तथा ७८ से ८५ तक के पृष्ठ नये जोडे गये हैं।
प्रति नं० ४. पत्र सग्या २६३. साइज १२।।४६।। इञ्च । पद्यों का गद्य में भी अर्थ है । अक्षर बहुत मोटे हैं। प्रत्येक पृष्ठ पर ४ पंक्तियां ही हैं। लिपि संवत् १६१५.
प्रति नं०५. पत्र संख्या ७८, साइज २०||४४ इञ्च । प्रति प्राचीन है।
प्रति नं०६. पत्र संख्या १७१. साइज १०||४५ इञ्च । संस्कृत टीका की हिन्दी में अर्थ लिखा गया है । भाषा गद्य में है। लिपि संवत् १७२३. लिपिस्थान चाटसू। २६३ समवसरणविधान ।
रचयिता पंडित रूपचन्दजो 1 भाषा संकृत । पत्र संख्या ७६. साइज १०x४॥.इश्च । लिपि संवत् १८७६, प्रशस्ति लिपिकत्ता तथा मन्थकर्ता दोनों की लिखी हुई है।
प्रति नं० २. पत्र संख्या १८. साइज १०||४५|| इश्व । लिपि संवत् १८८१. .. ... २६४ समाधि शतक ।
. रायता श्री पूज्यपाद स्वामी । भाषा संस्कृत पत्र संख्या २१. साइज १२४५ इञ्च । प्रति पूर्ण है। २६५ सम्मेद शिखर महात्म्य ।
रचयिता श्रीमत् दीक्षतदेव । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या ११४. साइज १०x४॥ इच। लिपि संवत् १-६७. .
दोसौ ग्यारह