Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka
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*त्री महावीर शास्त्र भंडार के पन्या*
१५३ पाच नाथ चरित्र
रचयिता भट्टरिक श्री सफलौति। मापा संस्कृत । पृष्ठ संख्या १०६. साइन १२४५५॥ इज । लिपि संयन् १८०३, लिपि स्थान नयपुर । महाराजा श्री ईश्वरीसिंहजी के शासनकाल में श्री धनराज जी ने उक्त मन्ध को प्रतिलिपि कस्यायो ।
१५४ पाच नाथ पुरीण।
रचयिता पं० भूधरदाम । भाषा हिन्दी पद्य। पत्र संख्या ह. साइज १६४५ इन्च । रचना संवत् F७४ लिपि संगत १८७-लिपि स्थान उणियारा " श्री महादजी उवत ग्रन्थ की प्रतिलिपि करवायी। २५५- पश्विनाथरासो
रचयिता बलवस्तुपाल। भाषा हिन्दी । पत्र संख्या ३६. साइज १०४ इञ्च रचना संबन् १६५६. प्रशस्ति-है। प्रति न न है। .. १५६ पिंह स्थान ध्यान निरूपणं भापी "
... मूलका आचार्य शुभचन्द । भोपाकार अज्ञाती पसंख्या १२ साइज' ६/४३|| इश्वं । उक्त प्रकरण ज्ञानार्णव में से लिया गया है।
प्रति नं० २. पत्र संख्या ३२. सॉज ११२३ इञ्च । ध्यान को वर्णन संस्कृत में है। प्रति अपूर्ण है। ५७ पुरधाश्च कथाको ।
रचयिता श्री रामचम्न-मुमुक्षु । भाषा संस्कृतः। पत्र संख्या ५७. साईजे ११५ इन्च । प्रशस्ति है। मति पूर्व-तथा नकोन है१५८-पुरयास्व कथाको । . . . . . .. ... .. ... ... ... ..:::::.:. ..
- माया हिन्दी । पृ संख्या अ. साइज ११६८ इञ्च लिपि संवत् १८५. लिपि स्थान जयपुर। F५६ पुण्याश्रय कथाकोश -.-:-::................ .......
.. स्वयिता अज्ञात, भाषा हिन्दी ।" पन्न सरेया २८३ साइज Tixit इच। लिपि संवत् १८२८, लिपिकर्ता श्री चेनसम :१६:पुरुषपरीक्षा .................... :::.:: :...
रचयिता श्री विद्यापति। भाषा संस्कृत । पर्ने संख्या ७८, साइज ११४ इञ्च । कथा साहित्य को... :
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एक सौं पिच्चानवे