Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka

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Page 214
________________ * श्री महावीर शान्त्र भंडार के अन्य * २२४ विदग्धमुख मंडन मटीक ! पृष्ठ संख्या ६०. साइज allx३|| इञ्छ । प्रतिा है । लिपि संवत् १७०३. अक्षर मिटने लग गये हैं तथा पढ़ने में नहीं आते है। २२५ विद्यानुवाद। रचयिता अज्ञात । भाषा संस्कृत। पत्र संख्या ७३. साइज १५१|४७ इञ्च | प्रति अपूर्ण है। ७३ से आग के पृष्ट नहीं हैं । विषय-मन्त्र शास्त्र । २२६ विवानुवाद पूजा समुच्चय । रचयिता अज्ञात । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या १०), साइज १०४४ इञ्च ! लिपि संयत १४८७. लिपि फनी श्री टीज़ा । प्रशस्ति दी हुई है । ग्रन्थ महात्मा प्रभाचन्द्र को भेंट किया गया था। विषय-मान शास्त्र । २२७ विमानशुद्धि पूजा । रचयिता यति श्री यन्द्रकीर्ति । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या ११. साइज ||५७ इञ्च । लिपि संवत् १६६०। प्रति नं २ पत्र संख्या १०. साइज १०||४५ इञ्च । लिपि संवान १८५२. लिखावट अच्छी है। २२८ विदा हपटल । लिपिकर्ता पं० रेखा । पत्र संख्या २६. भाषा संस्कृत । साइज १०४५।। ञ्च । लिपि संवत १७०६. लिपिस्थान चाटसू। २२६ विवेक विलास रचयिता श्री जिनदत्त सूरि । भाषा संस्कृत ! पत्र संख्या १०३. साइज १०x४ इञ्च । लिपि संवत् १७.२ प्रति जीण शीर्ण अवस्था में है। २३. वैद्य जीवन । - .:: . .. . र यता श्री लोलम्भिराज | भाषा संस्कृत। पृष्ठ संख्या २१. साइज ११४५ इञ्च । प्रति पूर्ण है। अध्याय पांच हैं। प्रति नं० २. पृष्ठ संख्या ३२. साइज १०४७ इन्च । प्रति पूर्ण है। . . . . -:. दोसौ छः .

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