Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka

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Page 196
________________ १०६ धर्मोपदेश श्रावकाचार | १७४८ वि पिस्थान मालपुरा | 1.17 रचयिता ब्रह्म श्री नैमित्त | भाषा संस्कृत | पत्र संख्या ३० साइज १० ४४|| इश्र्व | लिपि संवत् १११ - नयचक्रवृति | + BEF -* ॐ श्री महावीर शास्त्र भंहार के ग्रन्थ १९१० नंदीश्ववरवृहत्पूजा | रचयिता अज्ञात | भाषा संस्कृत पत्र संख्या ११७. साइज १०४५ इव । प्रति अपूर्ण है। प्रारम्भ और अन्त के पृष्ठ नहीं हैं। ११३ नवग्रहपूजा विधान | न ११४ नागकुमार पंचमीकथा | 1570 4 वृत्तिकार भट्टारक श्री सुरेन्द्रकीर्ति। भाषा संस्कृत | पत्र संख्या ४२, साइज १२x६ इञ्च । प्रति पूर्ण है । ܐܘܐܐ ११२ नवग्रहपूजा । रचयिता अज्ञात | भाषा संस्कृत | पत्र संख्या ६, साइज ११||| पूंजी में कांम श्रीने वाली सामग्री को सूची भी दे रखी है। नवमदों का एक चित्र भी है । 147 1 रचयिता श्रज्ञात | भाषा हिन्दी | पृष्ठ संख्या १२. साइज १०||७|| इव । प्रति पूर्ण है । 4... एक सौ f रचयिता श्री मल्लिपेणसूरि । भाषा संस्कृत | पत्र संख्या १६. साइज १० ||२४|| इ | 5. ११५ नामश्री की कथा | रचयिता ब्रह्म श्री नेमिदत्त भाषा संस्कृत | पत्र संख्या १४. साइज ११४५ इंच | लिपि संवत १८०३. रात्रिभोजन त्याग का उदाहरण है । a. १६ नामावलि । रचयिता श्री धनंजय भाषा संस्कृत । पृष्ठ संख्या २७ साइज ६०४ इछ । लिपि संवत् १८०४ विषय- शब्दकोष | प्रति नं० २. पत्र संख्या ३७. साइज ११।४५ इव । प्रति अपूर्ण है ।

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