Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka
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* आमेर मंडार के अन्य *
गह 'दीराज राम श्री भावसिंहजी विराजि . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .: - यशोधरचरित्र । यशाधरचारत्र । . . . . . . . . . . . . . . . . . . . : .
रचयिता श्री पूर्ण देय | भाषा संस्कृत । पृष्ठ संख्या १. ताइज १२४५१), इञ्च । लिपि संवत् १८४४. यशोधर मरिन ।
रचयिता श्री विजएकीर्ति । भाषा संस्कृत (गद्य ।। पत्र संख्या २६. साइज ११||४५ इञ्च । ग्रंथः गद्य में है। कथा संक्षेप में दी हुई है। अतः पाठक शीघ्र ही समझ सकता है। ... ... . यशोधर चरित्र ।
तसागर । पत्र संख्या ७३.लाइज ११४४३च ! भाषा संस्कृत।
रचा
यशोधर चरित्र ।
रचयिता भट्टारक श्री सकल की ति। भ पा संस्कृत । पत्र संख्या ३६. माज ?:४५ इञ्च । श्लोक संख्या ६६०. लिपि संवत् १६४६. लिपस्थान मालपुर। उक्त ग्रन्थ में यशोधर महाराज की जीवन दिया हुआ है। .... प्रति नं० २. पत्र संख्या ४७. साइज ११४५ इञ्च । उक्त ग्रन्थ, की प्रतिलिपि आचार्य:ज्ञानगीति के शिष्य पं० खेती के पढने के लिये की गयी थी।
प्रति नं० ३. पत्र संख्या ७४. साइज १२||४|| इन्छ । लिपि संवत् १६३०. ब्रह्मरायमल्ल इतके लिायकत्ता है।... ... ... . . : ... .::::! FEEFF यशोधरचरित्र ।
रचयिता महाकवि पुष्पदंत । भाषा प्राकृत । पत्र संख्या ६१. साइज ||४५ इञ्च । प्रत्येक पृष्ठ पर ६ पंक्तियां और प्रति पंक्ति में २८-३४ अक्षर । लिपि संवत् १५३०. लिपिस्थान सिकन्दराबादा । प्रशस्ति नहीं है। कठिन शब्दों की संस्कृत में टीका दे रखी है।
प्रति नं० २. पत्र संख्या ८६ साइज Elx५ इश्व | लिपि काल संवत १५७५ मंगसिर सुदी ४. अन्त में प्रशस्ति दी हुई है लेकिन प्रारम्भ की तीन पंक्तियां बाद में मिटादी गई हैं।
JFTINE ... . .- प्रति नं०.३.. पत्र संख्या ७३. साइज १४५-देन्च लिपिकाल,संवत् २६१० प्रशस्ति दी हुई है। पन्थ की प्रतिलिपि भट्टारक प्रभा चन्द्र के शिष्य धर्मचन्द्र के समय में हुई है। ... " :
प्रति नं० ४. पत्र संख्या ६५. साइज ११४५१1 इञ्च । लिपि संवत् १६१३, उक्त प्रति श्री धर्मचन्द्र के
एक सौ संतरह