Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka
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* आमेर भंडार के अन्य *
.. प्रति नं० २. पत्र संख्या १४. साइज १0|2|| इञ्च । .
प्रति नं० ३. पत्र संख्या ८. साइज 70x11 इञ्च ।
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सिद्ध भक्ति। ..
रचयिता अज्ञात । भाषा संस्कृत । पृच संख्या १२. साइज Fox इञ्च । प्रत्येक पृष्ठ पर ५ पंक्तियां तथा प्रति पंक्ति में ३०-३६ अक्षर ! पृष्ठ पर एक तरफ दीका भी दे रखी है। सिद्धचक्र स्तान।
रचयिता अज्ञात । भाषा संस्कृत 1 पत्र संख्या ७. साइज ११!!x५ इन्च । . सिद्धान्तधर्मोपदेश रत्नमाला। ...
रचचिता अज्ञात । भाषा प्राकृत-संस्कृत । पत्र संख्या १५. साइज १२४५।। इञ्च । गाथा संख्या १६१. प्राकृत मे संस्कृत में अर्थ वहीं पर दे रखा है। प्राचाय नेमिचन्द्र की कुछ गाथाओं के आधार पर उक्त रत्नमाला की रचना की गई है ऐसा स्वयं प्रथ कर्ता ने लिखा है। सिद्धान्त मुक्तारली।
___ रचयिता श्री विश्वनाथ पंचानन । टीकाकार अज्ञात। पृष्ठ संख्या २१. साइज १२x६ इञ्च । प्रति अपूर्ण है। सिद्धांतसार । :: ... . .. ...
रचयिता श्रीजिनचंद्र देव । भाषा प्राकृत । पृष्ट संख्या ८. साइज १०x४।। इञ्च । गाथा संख्या ६. प्रति ने०. २. पत्र संख्या ८. साइज १२४५।। इञ्च ।
प्रति नं० ३. पत्र संख्या ७. साइज १०x४ इञ्च । लिपि संवत् १५२५. श्रीजिनचंद्र देव के शिष्य ३० नरसिइ के उपदेश से श्रीगूजर ने प्रतिलिपि करवाई। : ... : : ..... - सिद्धातमाग्दोपक।
भाषाकर्ता-श्रीनथमल विलाला। भाषा-हिन्दी। पत्र संख्या १६६. साइज १२४६ इञ्च रचना संवत् १८३४ लिपिसंवत् १८६०...:..::.::::.:..: : ::::-:- मिटीमा
:... . . ...::.-.. .... .?
रचयिता भट्टारक श्री सकल की ति । भारा सस्कृत । पत्र संख्या २४३. साइज ११५।४।।इश्च । प्रत्येक
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एक सौ तोचालीस