Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka
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* श्रोमेगभंडार के अन्य *
प्रति नं० २. पत्र संख्या ५३. साइज १०||४|| इञ्च । प्रत्येक पृष्ठ पर २० पंक्तियां तथा प्रति पंक्ति में ३८-४४ अक्षर । प्रारम्भ के ? पृष्ट नहीं हैं।
. ८ ... . . . . . . . प्रति नं० ३. पत्र संख्या ५१. साइज १२४५|| इञ्च - प्रशस्ति नहीं है। लिपि बहुत सुन्दर और
प्रति नं. ४. पत्र संख्या ५१. साइज १२||४५॥ इञ्च । लिपि संयन् १७८६. .. .
प्रति नं० ५. पत्र संख्या ५३: साइज १०x४|| इञ्च । -. ... सकमालंचरत्र .
.. .. . . : . . . रचयिता पं० श्रीधर । भाषा अपभ्रंश । पत्र संख्या ४५. साइज १०x४||. प्रत्येक पृष्ठ पर ११-१५ पंक्तियां और प्रति पंक्ति में ३७-४२ अक्षर । लिपि संवत् १५४६. : :-:. . . . सुकुमालचरित्र ।
रचयिता श्री मुनिपूर्णभद्र भाषा संस्कृत । पत्र संख्या १५. साइज २०४५ इञ्च । प्रति अपूर्ण है।
सुखण चारित्र ! . . .--- -.. - -... :: :: ... ...... 3:, . रचयिता ६० जगन्नाथ । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या ४६. साइज १०x४|| इञ्च । लिपि संवत् १८४२, ग्रंथ में श्रीपाल के जीवन चरित्र को दिखलाया है। सुदर्शनचारित्र।
रचयिता मुमुक्षु विद्यानन्दि । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या ७७. साइज ११४इञ्च । प्रत्येकदृष्ट
पर :-१० पंक्तियां और प्रति पंक्ति में २८-३६ अक्षर।... सुदर्शनचारित्र। . .रचयिता श्री नवनन्दि । भाषा अपभ्रंश । पत्र संख्या ६५. साइज १०x४ इञ्च । प्रत्येक पृष्ठ पर १३ पंक्तियां और प्रति पंक्ति में ३२-३६ अक्षर । लिपि संवत् १५०४. दश परिच्छेद हैं। एक ... प्रति नं० २. पत्र संख्या ६५, साइज १०४५ इन्च । लिपि संवत् १५६७. प्रशस्ति है। प्रन्थ अच्छी अवस्था में है। लिपि सुन्दर और शुद्ध है।
प्रति नं ३. पत्र संख्या ६६. साइज १०॥४५ इञ्च । लिपिसंवत् १६३१. प्रशस्ति बहुत संक्षिप्त में है। प्रन्थ की प्रतिलिपि मालपुरा गांव में हुई थी। कागज कितनी ही जगह से फट गया है। अक्षर बहुत छोटे हैं।
प्रति न० ४. पत्र संख्या १०६. साइज १०||४५ 'इश्च । लिपि संवत् १६३२ प्रशस्ति है। अन्य की प्रतिलिपि निवाई (जयपुर) में हुई थी । ग्रन्थ के बहुत से कागज कोने में से फट गये हैं लेकिन उससे ग्रन्थ
एक सौ पैतालीस