Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka
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* आमेर भंडार के अन्य *
गुटका नं० ३३
लिपिकार अज्ञात । पत्र संख्या १८२. प्रारम्भ के ३२ पृष्ठ तथा यौच के कितने ही पृष्ट नहीं है।। लिपि संवत् १५४८. गुटके में अहव महाशान्तिक विधि लिखी हुई है। गुटका नं० ३३
लिपिकार अज्ञात 1 भाषा हिन्दी संस्कृत । पत्र संख्या ६६ । साइज ५४८ इञ्च । गुटके में नेमिनाथरासो-| तथा पूजन संग्रह है। गुटका नं० ३४
लिपिकार यति मोतीराम । लिपि संवत् १८२४. पृष्ट संख्या ५६, साइज AII इञ्च ! गुटके के प्रारम्भ में मार्गणा, गुणत्यान, परिषड, कर्न, कपान आदि के केवल भेद दिये हुये हैं। बाद में शनीशर की स्था दी हुई है। गुटका नं० ३५
लिपिकार आज्ञत । पत्र संख्या ३०. साइज १४४ इञ्च । गुटके में भक्तामर स्तोत्र और पूजन के अतिरिक्त कोई विशेष सामग्री नहीं है।
मटका नं० ३६
लिपिकार अज्ञात ! पत्र संख्या १२०. साइज ४॥४४॥ इञ्च । गुटके में कोई उल्लेखनीय सामग्री नहीं है। केवल पूजन संग्रह ही है।
गटका नं० ३७
लिपिकार जयरामदास । पत्र संख्या १२५. साइज शाx४ इञ्च । लिपि संवत् १७४२. और १७६७, लिपिस्थान जयपुर।
गुटको नं० ३८
लिपिकार अज्ञात । भाषा प्राकृत संस्कृत और अपभ्रंश। पृष्ठ संख्या १०७, साइज ६x४ इश्च ।। लिपि संयत् १६१२ ।
चालीस