Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka

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Page 110
________________ * आमेर भंडार के अन्य * पिंगलछंदशास्त्र । रचयिता अज्ञात । भाषा अपभ्रंश । पत्र संख्या ७. साइज १२४६ इञ्च । प्रति अपूर्ण है। अन्तिम पृष्ट नहीं है। पुण्यश्रव कथाकोश। रचयिता श्री रामचन्द्र । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या १५६ साइज !!x४ इञ्च । प्रत्येक पृष्ठ पर-११ पंक्तियां तथा प्रति पंक्ति में ३६-४२ अक्षर । ५२ कथाओं का संग्रह है। पुण्याश्रवकथाकोप । रचयिता पं० जयचन्द्रजी। भाषा हिन्दी गद्य )। पत्र संख्या ३०. साइज १२x६ इञ्च । प्रत्येक पुट पर ११ पंक्तियां तथा प्रत्येक पंक्ति में ३६-४४ अक्षर । प्रति अपूर्ण है। ३० पृष्ठ से आगे के पृष्ठ नहीं है। पुराणसार संग्रह। र यता भट्टारक श्री सकलकोति । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या १२६. साइज १२||४५। इश्व । प्रत्येक पृष्ठ पर १३ पंक्तियां और प्रति पंक्ति में १५-५२ अक्षर । लिपि संवत् १८२२. दो प्रशस्तियां है। प्रन्ध गद्य में है। इससे इसका महत्व और भी अधिक यद जाता है। प्रति ०२. पत्र संख्या १२१. सायज ११||४५ इञ्च : प्रतिलिपि संबत् १५५१. प्रति जीर्णशीर्ण हो चुकी है। प्रारम्भ के दो पृष्ठ नहीं है। प्रति नं० ३. पत्र संख्या १२१. साइज ११!x५। इञ्च । लिपि संवत् १५५१. लिपिस्थान डूगरपुर । पुरुषार्थ सिद्धयुगाय । रचयिता श्री अमृतचन्द्रसूरि। भाषा संस्कृत । पत्र संख्या ६. साइज ११४४।। इञ्च । प्रति मूल मात्र है। पुष्राञ्जलिब तोद्यापनपूना । रायता श्री गंगादास । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या ७. साइजx४ इञ्च । ... पुष्पाञ्जलिवतोद्यापन । रचयिता पंडित श्री गंगादास | भापा संस्कृत । पत्र संख्या १४. साइज Ex४ इश्व । लिपि संवत् १६. प्रथम दो पृष्ट नहीं है। - एक सो. दो ..

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