Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka
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प्रति नं० ६. पत्र संख्या १४६. साइज १०x४ इञ्च । लिपि संवत् १५५६ नंगसिर बुदी रात्र श्री जगमल के राज्य में आचार्य श्री धर्मचन्द्र के समय में अजमेर शहर में इसकी प्रतिलिपि हुई थी । प्रति नं० १०. पत्र संख्या १४७. साइज ६॥४५॥ इ । अपूर्ण |
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प्रति नं० २१. पत्र संख्या १४० साइज १०५ इन्च | लिपिकाल - संवत् १५२.
भाद्रपदपूजासंग्रह |
पूर्ण है ।
भामिनिविलास |
संप्रहृत्त अज्ञात | पत्र संख्या ६२. साइज १०x४ || इ | अनेक पूजाओं का संग्रह है। प्रति
अंगार स |
भाववक्र ।
* आमेर भंडार के प्रन्थ
रचयिता श्री पं० जगन्नाथ भाना संस्कृत | पत्र संख्या २०. साइज ११४५ || इव । विषय
भावसंग्रह |
रचयिता श्री श्र
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भावसंग्रह |
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रचयिता अज्ञात | भाषा संस्कृत | पत्र संख्या १. साइज १०९४॥ इवं । ज्योतिष का हिसाब हैं। प्रति नं० २. पत्र संख्या १. साइज १०४४ इञ्च । विषय-ज्योतिष
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भावनासारसंग्रह |
रचयिता श्री चानु डराय महाराज | भाषा संस्कृत | पत्र संख्या =१. साइज ६||४३||| लिपि संवत् १५४१. लिपि स्थान हिसार । प्रथम पृष्ठ नहीं है।
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मासंग्रह |
रचयिता मुनि श्री नेमिचन्द्र । भाषा प्राकृत | पत्र संख्या १६. साइज ११४५ इव । लिपि संवत् १०३३. लिपिकत्ता ० जिनदास ।
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एक सा श्रठ
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श्रतमुनि । भाषा अपभ्रंश पत्र संख्या २. साइज १०x४ ३ ।
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रचयिता पंडित वामदेव | मापा संस्कृत | पत्र संख्या ३६. साइज १०x४ | प्रत्येक पर १३ पंक्तियां तथा प्रति पंक्ति में २६-३२ अक्षर | विषय - गुणस्थान चर्चा ।
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