Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka
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प्रावचित शास्त्र |
रचयिता श्री नन्दिगुरु । भाषा संस्कृत पत्र संख्या १२७ साइज १९४५ उच्च प्रत्येक पृष्ठ पर ११ पंक्तियां तथा प्रति पंक्ति में ३०-३६ अक्षर । पश्चों को टीका भी दी हुई है।
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प्रीतिकर चरित्र |
रचयिता ब्रह्ममित्त | भाषा संस्कृत | पत्र संख्या ९७ साइज ||५|| प्रत्येक पृष्ठ पर १४ पंक्तियां और प्रति पंक्ति में ३३-३= अक्षर । विषय-प्रीतिकर महामुनिका चरित्र |
पार्श्वनाथ पुराण !
रचयिता महाकवि पद्मकीर्ति । भाषा साइज १०५ | प्रत्येक पृष्ठ पर ११. पंक्तियां. लिपि १६१० लिपिस्थान शेरपुर |
और प्रति पंक्ति में ३२-३८
पार्श्वनाथ
पुराण |
रचयिता भट्टारक श्री सकलकोर्त्ति । पत्र संख्या १११. भाषा संस्कृत । साइज (२५ इञ्च । प्रत्येक पर १३.पंक्तियां और प्रति पंक्ति में ३४-४० अक्षर । लिपि संवत् १८३६. लिपिस्थान सवाई माधोपुर । प्रति नं० २. पत्र संख्या = साइज | लिपि संवत् १२३ लिपिस्थान जयपुर ।
लिपिकर्त्ता श्री जयरामदास ।
पार्श्वनाथ
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पुरण।
रचियता पं० भूवरदास । भाषा हिन्दी । पत्र संख्या ६१. साइज १०१x४ च । प्रत्येक पृष्ठ पर १० पंक्तियां और प्रति पंक्ति में ४०-४६ अक्षर । रचना संवत् १७४२.
पार्श्वनाथ महावीर पूजा |
रचयिता श्री रामचन्द्र भाषा हिन्दी पृष्ठ संख्या लिपिकर्त्ता - नंदराम कासलीवाल 8 15 UPPSM
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साइज २२४५॥ इछ । लिपि संवत् १८६८.
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पार्श्वनाथ स्तोत्र |
रचयिता मुनि श्री पद्मनन्दि भाषा संस्कृत । प्रति सटीक है। टीकाकार- अज्ञात्। प संख्या ६, लिपि संवत् १६७१..
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पत्र संख्या ३.
र्श्वनाथ स्तोत्र |
सटीक रचयिता - अज्ञात टीकाकार अज्ञात यमकबंध | भाग संस्कृत | पत्र संख्या १. साइज
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