Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka
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* आमेर भंडार के अन्य *
प्रति नं० ८. पन संख्या १४५. साइज १०x2|| धर्म परीक्षा।
रचयिता श्री मनोहरदास । भाप हिन्दी पद्य । पत्र संख्या १२४. साइज ११४॥ इञ्च । सन्यूणे पद्य मंग्या ३०००, निपि मन - प्रशारित दी हुई है।
प्रति नं०२ पत्र संख्या ७१. साइज १२३४५|| इञ्च ।
प्रति नं० ३. पत्र संख्या ८०, साइज १२x६ इञ्च । धर्म परीक्षा ।
रचयिता पं० हरियेण । पत्र संख्या ६४. भापा अपभ्रंश । साइज साट|इञ्च । प्रत्येक पृष्ठ पर १२ पंक्तियां और प्रति पंक्ति में ४५-५० अक्षर । रचना संबत् ११३२.
प्रति नं० २. पत्र संख्या =८, साइज १०||रशा इन्च। प्रत्येक पृष्ठ पर ११-१३ पंक्तियां और प्रति पंक्ति में ३४-४० अक्षर । लिपिकाल अज्ञात । ग्रन्थ अच्छी हालत में है। लिपि सुन्दर नहीं है। प्रशस्ति नहीं है।
धर्म परीक्षा।
रचयिता अज्ञात । भाषा संस्कृत। पत्र संख्या १५. साइज-४ इञ्च । प्रत्येक पृष्ठ पर १६ पंक्तियां तथा प्रति पंकि में ३२-३६ अक्षर । लिपि संवत १७५० । लिपिस्थान खका (जयपुर)। लिपिकार मुनि श्री कान्तिनागर ।
मंगलाचरण
धर्मतः सकलमंगलावली धर्मतः सकलसौख्यसंपदः । धर्मतः सुकलनिर्मलं यशो धर्म एव तवदोविधीयतां ॥१॥
ध्यानसार
रचयिता अज्ञात । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या ४. साइज ११४५ इञ्च । विषय-चागे ध्यानों का
वर्णन ।
सतन्तर