Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka
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. * आमेर भंडार के अन्य *
---- - - - - - - - ---- मंगलाचरण
प्रणम्य सदसद्वादश्यांतविश्वसभास्करें।
वाङमयं परिभाषा पदो वालाय बुद्धय ।। परीपद वर्णन ।
रचयिता अज्ञात । पत्र संख्या २. भाषा संस्कृत। साइज =ilx|| इञ्च ! पद्य संख्या २. विषय२२ परीपहों का वर्णन। परोक्षामुख ।
रचयिता श्री माणिक्यनन्दि । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या ५१. साइज १०x१|| इञ्च । मूल सूत्र टोका सहित है । टीका नाम लत्रु वृत्ति है। प्रति अपूर्ण है । प्रारभ मध्य तथा अन्त के पृष्ट नहीं हैं। • पल्यव्रतोद्यारनपूजा।
रचयिता श्री रत्ननंदी । भाषा संस्कृति । पत्र संख्या ५. साइज १२४|| इञ्च । लिपि संवत् १८३१. लिपिकार भट्टारक श्री सुरेन्द्र कीति । लिपिस्थान सवाई माधोपुर (जयपुर)। पल्यविधानमुद्यापन।
रचयिता भट्टारक श्री शुभचन्द्र ] भाषा संस्कृत। पृष्ठ संख्या ८. साइज १२४शा इच्छा प्रति न०२. साइज ११||४५ इञ्च | पृष्ठ संख्या ११. इसमें अन्य पूजा भी हैं।
पन्यनत का विवरण ।.
पत्र संख्या ४. साइज ११|४६॥ इञ्च । : प्रति नं० २. पत्र संख्या १०: साइज ६४
इञ्च ।
पर्वसूचि ।
संग्रहकार अज्ञात ! पत्र संख्या १३. भाषा हिन्दी संस्कृत-। साइज १०fx५ इञ्च प्रति अपने प्राक्रिया कौमुदी
प्रचयिता श्री महाराज वीबर । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या २५५. साइज १०x४ इञ्च रचना संत्रत अथवा लिपि संयत् कुछ नहीं दिया हुआ है।
तिरनवे