Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka
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प्रति नं० ६. पत्र संख्या १७५. साइज ११४५ इञ्च । लिपि संवत १५८७ भट्टारक श्री गुणभद्र समय में श्रमवालवंशोत्पन्न चौधरी चूहड़ ने बाई तोल्ही के उपदेश से जिनवाल के द्वारा प्रतिलिपि कराई । प्रति नं० ७ पत्र संख्या १५२. साइज १९४४ ।। इव | लिपि संवत् |
* आमेर भंडार के मन्थ *
प्रधुम्नचरित्र |
रचयिता - महाकवि श्री सिंह भाषा अपभ्रंश पत्र संख्या १०२. साइज १०x६ इञ्च । लिपिसंवत् १५५३. ग्रन्थ समाप्त होने पर कवि ने अपना परिचय दिया है।
प्रति २० २. पत्र संख्या १७१ साइज १९४४|| इन् । लिपि काल संवत् १५६५ भाद्रपद सुदी १३. कितने ही पृष्ठ एक दूसरे से चिप गये हैं। ..
प्रति नं० ३. पत्र संख्या १०७. साइज १०४५
| लिपि संवत् १५४१ श्रावण बुद्धि २.
प्रति नं० ४ पत्र संख्या १३४. साइज ११४४|| इ
|
लिपि संवत् १५६८
सुदी ५.
प्रत्येक पृष्ठ पर ११ पंक्तियां और प्रति पंक्ति में
।
प्रति नं० ५. पत्र संख्या १५. साइज ११४४|| इञ्च ४४-४८ अक्षर | लिपिकाल संवत् १५१ जेठ सुदी ६ लिपि स्थान श्री स्वाहृपत्तन । -
प्रति नं० ६. पत्र संख्या १०५. साइज १०५ इव । संवत् १६७३ वर्षे ज्येष्ठ वदि त्रयोदशी शुक्रवारे श्री रतलाम नगरे श्री अमृतचन्द्र तत् शिष्य गोपालनालेख ।
प्रति नं० ७ पत्र संख्या १३६. साइन २०४४ ॥ इञ्च । लिपि संवत् १०२४. लिपिस्थान सुलानपुर ( मात्र देश ) ।
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फ्य न प्रबंध |
रचयिता श्री देवेन्द्रकी ति । भाषा हिन्दी । पत्र संख्या ३७, साइज १० | २५ इव । प्रत्येक पृष्ठ पर ११ पंक्तियां तथा प्रति पंक्ति में ३०-३५ अक्षर । रचना संवत् १७२२. १९
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प्रभावती कल्प |
श्रद्य न रासो ।
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रचयिता श्री ब्रह्म रायमछ। भाषा संस्कृत पत्र संख्या १८. साइज १२५, सम्पूर्ण पथ संख्या ९६५. रचना संवत् १६२८. लिपि संवत् १=२०.
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रचयिता अज्ञात । भाषा, संस्कृत पृष्ट संख्या ५० साइज ११||४४|| इ | विषय - आयुर्वेद ।
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