Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka
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*श्रामेन भंडार के पन्ध *
नीतिशास्त्र ।
रचविता श्री चाणक्य । भाषा संस्कृतं । पत्र संख्या ७, लाईज ११:५।। इंश्च । अध्याय पाठ हैं। श्लोक संख्या १५७ ।
नीतिशतक।
रचयिता श्री भत हरि 1 भाषा संस्कृत । पत्र संस्था ५. साईज १०४४ इञ्च : प्रति अपूर्ण है। नेमिजिनवर प्रबंध ।
रचयिता अज्ञात । भापा अपभ्रश। पत्र संख्या १३. साइज x५ इन्च । प्रत्येक पृष्ट पर' १३. पंक्तियां तथा प्रति पंक्ति में २३-२८ अक्षर । प्रथम पृष्ट नहीं है ।
नेमिदूत काव्य ।
रचयिता श्री विक्रम । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या : । नाइज १६||५|| इञ्च । श्लोक संख्या -१२६. विषय- भगवान नेमिनाथ के दूत का राजमती के पिता के यहां जाना । इसमें कवि ने महाकवि कालिदास के मेघदूत काव्य के पद्यों के एक एक भाग को शोक के अन्त में अपने अर्थ में प्रयोग किया है। नेमिनाथ चरित्र ।
... रचयिता आचार्य हेमचन्द्र । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या १२: साइज ११४४ इञ्च । प्रत्येक पृष्ठ पर : १५ पंक्तियां और प्रति पंक्ति में ५०-५४ अक्षर । लिपि संवत १५१६. "विषय-भगवान नेमिनाथ का जीवन ' चरित्र ।
नेमिजिन चरित्र ।
रचयिता ब्रह्म श्री नेमिदत्त । माषा संस्कृत 1 साइज १०४ा इञ्च । प्रत्येक पृष्ठ पर १० “पंक्तियां और प्रत्येक पंक्ति ३७।४२ अक्षर । लिपि संवत् १८४५. लिपिस्थान जयपुर | विषय-भगवान नेमिनाथ का जीवन
चरित्र ।
प्रति नं २. पत्र संख्या २२० । साइज ११४४ इञ्च । लिपि संवत् कुछ नहीं। . . . . प्रति नं० २. पत्र संख्या १३८ । साइज ११४५|| इछ । लिपि संवत् १७३१ ।
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