Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka
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नारचन्द्रज्योतिषसूत्र |
*नेर भंडार के ग्रन्थ *
रचयिता श्री नारचन्द्र | भाषा संस्कृत | पत्र संख्या २३. साइज १०४४ || इञ्च । ग्रन्थ अपू है । प्रति नं० २. पत्र संख्या १२. साइज १०९४ इञ्च लिपि संवत् १८४७ ।
प्रति नं० ३. पत्र संख्या ३७. साइज ४०x४ इञ्च । लिपि संवत् १७५८. लिपिस्थान फतेहपुर । प्रति नं० ४. पत्र संख्या ३३. साइन २०४४ || इश्च । प्रति अपूर्ण है । ३३ से आगे के पृष्ठ नहीं है । प्रति नं० ५. पत्र संख्या २६. साइज १०||८|| इश्र्च |
निर्दोष सप्तमी कथा |
रचयिता श्री ब्रह्मरायमल । भाषा हिन्दी । पत्र संख्या ४. साइज ११||५|| इव | सम्पूर्ण प संख्या ६०
नियमसार टोका |
मूलक्रर्त्ता श्री कुन्दकुन्दाचार्य । टीकाकार श्री पद्मप्रभमलवारिदेव । भाषा प्राकृत संस्कृत | पत्र संख्या ८५, साइज ११||४५|| इञ्च । प्रत्येक पृष्ठ पर ११ पंक्तियां और प्रति पंक्ति में ४५-५० अक्षर । लिपि संवत् १८३७ |
प्रति नं० २ पत्र संख्या १२६. साइज १०२४४ इ । लिपि संवत् १७६६. लिपिस्थान चाटसू । श्री -राजाराम के पढने के लिये उक्त ग्रन्थ की प्रतिलिपि की गई थी ।
निश्चयसाध्योपनिषत् ।
रचयिता अज्ञात । भाषा संस्कृत | पत्र संख्या १८६ | साइज १९ ॥१४५॥ | । प्रत्येक पृष्ठ पर १० पंक्तियां तथा प्रति पंक्ति में ३२-३८ अक्षर |
नीतिवाक्यामृत सटीक 1
रचयिता श्री आचार्य सोमदेव । टीकाकार अज्ञात | भाषा संस्कृत | पत्र संख्या ३८. साइज ११४५ इन । प्रति अपूर्ण है । ३= से आगे के पृष्ठ नहीं हूँ ।
तियासी