Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka
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आमेर मंडार के अन्य *
चंदन पष्टी पूजा।
रचबिता श्री देवेन्द्रकीत्ति । भाषा संस्कृत । पृष्ट संख्या ६. साइज ११||४|| इञ्च । चन्द्रप्रमचरित्र ।
रचचिता भट्टारक श्री शुभचन्द्र । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या ७२. प्रत्येक पृष्ठ पर १० पकिया और पति पंक्ति में ३५-३६ अक्षर । विषय आठवें तीर्थंकर श्री चन्द्रप्रभु का जीवन चरित्र ।
चन्द्रप्रमचरित्र ।
प्रन्धकत्ती-महाकवि यशः कीत्ति । भापा अपभ्रंश । पत्र संख्या १२०. साइज ७४३}। इ'छ । लिपि संवत् १५५३. अषाढ मुदी ३ बुधबार । १: परिच्छेद । गाथा संख्या २३०६. प्रशस्ति अधूरी है क्योंकि ११८ और ११६. के पृष्ट नहीं है । कागज और अक्षर दोनों अच्छे हैं।
प्रतिर पत्र संख्या १ सोइज ईश्च लिप संवत् १६११ चैत्र बदि ५ वृहस्पतिवार ग्रन्थ जीणं अनस्था में है। प्रशस्ति पूर्ण नहीं है।
प्रति नं०३. पत्र संख्या ११६. साइज शो इञ्च । लिपि संवत् १६०३. प्रति प्रति ०४. पत्र संख्या १०१. साइज ११४५ इञ्च । पति अपूर्ण है। प्रारम्भ के पृष्ट १ से १८ तक,
...:: प त्र संख्या
:... ... ५३ से ४० तक, तथा अन्त के पृष्ठ नहीं है।
प्रति न० ५. पत्र संख्या ७८. साइज ११४४|| इन्च । प्रति अपूर्ण दै अन्त के पृषु नहीं हैं। . चंद्रलोकालंकार ।
रचयिता अज्ञात । मापा । संस्कृत । पत्र संख्या ६. साइज १||४|| इञ्च । लिपि संवत २६३६.' लिपिस्थान सवाई माधोपुर ।
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... . . चमत्कार चिनी
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रचयिता भट्टारक श्री जयकीति । भाषा संस्कृत । पृध संख्या ६. साइज १०x४ा इञ्च : विषयज्योतिष । लिपि संवत् १७४२. श्रावण सुदी ५.
प्रति न० २. पत्र संख्या ११. साइज ४ इञ्चा- -
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