Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka
View full book text
________________
* आमर भंडार के अन्य र
दशलक्षणव्रतोद्यापनपूजा।
रचियता भ० श्री मल्लिभपण । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या १६. साइज ११||x11 इंश्च । प्रति नवीन शुद्ध और सुन्दर है। दृष्टान्तशतक ।
रचयिता अज्ञात । भाषा संस्कृत । पृ संख्या २७. साइज १०४|| इञ्च । विषय-अलंकार।
दानकथा।
संग्रहकर्ता अज्ञात । भाषा संस्कृत ! पत्र संख्या १२. साइज १०x४ इञ्च । पुस्तक में कितनी हो प्रकार की दान कथाओं का वर्णन संक्षिप्त में दिया हुआ है। दान महिमा ।
रचयिता हंसराज बच्छराज । भाषा हिन्दी। पत्र संख्या ३०. लाइज ११४४ इंश्च । प्रत्येक पृष्ठ पर १५ पंक्तिया तथा प्रति पंक्ति में ४८ अक्षर । रचना संवत् १६०. लिपि संवत् १८०५.
द्वादशमासी।
रचवता-ननि माणिक्यचन्द्र । भाषा हिन्दी । पत्र सख्या १. सारज १०x४|| इञ्च । विषय-भगवान नेमिनाथ का यारह मास का वर्णन। द्वादशवतमडलोद्यापनपूजा ।
रचयिता भट्टारक भी देवेन्द्रकौत्ति भाषा संस्कृत | पत्र संख्या १२. साइज १२४५१। इश्व ! दिलारामविलास ।
रचयिता श्री दौलतराम। भाषा हिन्दी। पत्र संख्या १५८. साइज zxशा इश्च । रचना संवत १७६८. क्लिास के अन्त में अच्छी प्रशस्ति दी हुई है जिसमें राजवंश, नगर और कविवंश का वर्णन दिया हुआ है। द्विःसंघानकाव्य ।
चयिता श्री नेमिचन्द्र । टीकाकार देवनन्दि । भाषा संस्कृत पत्र संख्या २००. साइज ११४५ इञ्च ।
बहत्तर