Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka
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गणितलीत्ता ।
गणधर वलय पूजा |
रचयिता श्री पं० भास्कर । भाषा संस्कृत | पत्र संख्या २३. साइज १०||४|| इन्च |
रचयिता भट्टारक श्री सकलकीर्त्ति । भाषा संस्कृत | पत्र संख्या ६. साइज १०।१४५ इव |
ग्रन्थसार ।
* आसेर -भंडार के प्रन्थ *
रचयिता भट्टारक सकलकीर्ति । भाषा संस्कृत । साइज ११४४ इञ्च । विषय मुनियों का श्राचार शास्त्र । प्रन्ध के अन्त में चौबीस तीर्थकरों की स्तुति भी दी हुई है।
गर्भारचक्र |
ग्रहलाघव ।
रचयिता श्री देवनन्दी । भाषा संस्कृत | पत्र संख्या ६ साइज १०।१४५ इञ्च । प्रति सटीक है।
रचयिता श्री दैवज्ञ गणेश । पत्र संख्या ११. साइज १०/४५ इञ्च । प्रति अपूर्ण । ११ से आगे के
पृष्ठ नहीं हैं ।
ग्रहलाघवमारण |
ग्रहलाघव |
रचयिता श्रज्ञात। भाषा संस्कृत । पुस्तक में नक्षत्रों के अलग फल दिखलाये गये हैं ।
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रचयिता श्री गणेश गए कवि । भाषा संस्कृत | पत्र संख्या २५. साइज १०|| ४ || इश्र्व | विषय - ज्योतिष | लिपि संवत् १६०६. प्रति सुन्दर है ।
ग्रहागम कौतूहल
रचयिता श्री देदचंद्र | भाषा संस्कृत | पृष्ठ संख्या ८२. साइज १० || ४ || इ | लिपि संवत् १६७१. विषय - ज्योतिष |
गिरधरानन्द |
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रचयिता श्री गिरधर | भाषा संस्कृत | पत्र संख्या ३५. साइज १०५४ || इञ्च । प्रति अपूर्ण है।
उनतीस