Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka
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* आमेर भंडार के अन्य *
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पंक्तियां और प्रति पंक्ति में ३८-४२ अक्षर । प्रतिलिपि संबन १५६३ माघ बुदि १३ ।
प्रति ०२. पत्र संख्या ६२. साइन १०॥x५ इञ्ज । प्रतिलिपि संवत १५८१ चैत्र बुदि ६ । लिपि कत्ता की प्रशस्ति दी हुई है।
प्रति नं०३ पत्र संख्या ६१. साइज १२४५ इञ्च । लिपि संवन् १६१६. भट्टारक अभवचन्द्र के समय में क्षुल्लिका चन्द्रमती ने प्रतिलिपि बनाई ।
प्रति नं० १ पत्र संख्या -३. पत्र संख्या ६x४ इञ्च । प्रादि के २ तथा अन्त के पृष्ट नहीं हैं। करकंडु चरित्र ।
रचयिता आचार्य शुभचन्द्र और मुनिश्री सकल भूषण | भाषा संस्कृत 1 पत्र संख्या १०६. साइज ११४५ इश्च । प्रत्येक पृष्ठ पर १० पंक्तियां तथा प्रति पंक्ति में २८-३६ अक्षर । प्रन्थ के अन्त में २३ पद्यों की एक विस्तृत प्रशस्ति दी हुई है। प्रथम चार पृष्ठ नहीं है।
कविप्रिया ।
रचयिता कवि केशवदास । भाषा पिन्दी । पत्र संख्या ४६. साइज १०x४ इञ्च । प्रथम २ पृष्ट नहीं हैं।
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कातन्त्र ब्याकरण ।
रचयिता श्री सत्र वर्मा । भाषा संस्कृत । पत्र संख्या ४५. साइज ११||४५ इञ्च । केवल सूत्र मात्र हैं। प्रति नं० २. पत्र संख्या २०. साइज १०४४ इञ्च । प्रति अपूर्ण है।
प्रति नं० ३. पत्र संख्या १२ । साइज १०x४।। इञ्च | प्रति अपूर्ण है। काम प्रदीप ।
रचयिता श्री गुणाकर | भाषा संस्कृत । पत्र संख्या २३. साइज १०x४ इञ्च । प्रति अपूर्ण है। अन्त के पृष्ठ नहीं है। . . ....... --... "-: :... -- -- -- ...:..-..- - .:. ... कारकविलास।
रचयिता अज्ञात । पत्र संख्या ४. भापा संस्कृत । साइज १०||xi| इञ्च ।
प्रति नं० २. पत्र संख्या ६. साइज १०||४५ इञ्च ।
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पञ्चीस :