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समाधान- इनके अतिरिक्त अन्य हैं । प्रवचन सारोद्धार टीका में कहा है कि
" एमाई हुंति लद्धियो ।"
लब्धियां और भी
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श्रर्थात् - २८ आदि लब्धिया होती हैं । यहां आदि शब्द से यह जानना चाहिये कि अन्य जीवों को शुभ-शुभतर एवं शुभतम परिणामों से तथा असाधारण तप के प्रभाव से नानाप्रकार की ऋद्धि विशेष लब्धियां होती है ।
प्रश्न ७२ : - प्रणिमादि आठ सिद्धियों का समावेश कौनसी लब्ध में होता है ?
उत्तर- इन सिद्धियों का समावेश वैक्रियलब्ध के अन्तर्गत होना माना जाता है !
इस सम्बन्ध में योग शास्त्र वृत्ति में श्री हेमचन्द्राचार्य ने इस प्रकार कहा है
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यथा : - 'वै क्रिया लब्धयोऽनेकधा - अणुत्व, महत्व लघुत्व गुरुत्व प्राप्तिकाम्मेशित्वशित्वाऽप्रतिघातित्वान्तधनित्वकामरूपादि भेदात् ।"
- वैक्रिय लब्धियाँ अणुत्वादि भेद से अनेक प्रकार की हैं, प्रणुत्वादि भेद की विवेचना क्रम से इस प्रकार है
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कमलतन्तु के
प्रणुत्व - छोटे-से-छोटा शरीर बनाना, जिससे छिद्र में भी प्रवेश करके चक्रवर्ती के भोगों का उपभोग किया जा सकता है ।
महत्व - मेरु से भी बड़ा शरीर बनाने का सामर्थ्य |
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