Book Title: Prashnottar Sarddha Shatak
Author(s): Kshamakalyanvijay, Vichakshanashreeji
Publisher: Punya Suvarna Gyanpith

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Page 257
________________ ( २०३ ) इसी प्रकार श्री दशवैकालिक सूत्र की वृहद्वृत्ति में भी कहा है कि :- ग्रहो ! इस बालक ने अल्प समय में ही आराधना की इस कारण से ही श्री शय्यम्भवसूरि को हर्ष हुआ एवं हर्ष से ही उनके प्रसू आये । प्रश्न १४६ - - द्रव्य, क्षेत्र, काल एवं भाव इन चारों में कौन किससे सूक्ष्मतम हैं ? उत्तर- समयात्मक काल सबसे सूक्ष्म है, क्योंकि एक बार आंख खोलने में असंख्यात समय होते हैं । काल से भी सूक्ष्म क्षेत्र है क्योंकि एक अंगुल श्रेणी मात्र क्षेत्र प्रदेशों को समय समय पर एक एक करके निकाला जाय तो असंख्यात उत्सर्पिणी अवसर्पिणी काल पूरा हो जाता है । क्षेत्र से सूक्ष्म द्रव्य हैं क्यों कि एक आकाश प्रदेश में अनन्तानन्त परमाणु आदि पुद्गल द्रव्य अवगाहित करके रहते हैं और द्रव्य से भी सूक्ष्मतम भाव शब्द से वाच्य पर्याय है, क्योंकि प्रत्येक परमाणु आदि द्रव्य में अनन्तानन्त पर्याय होते हैं । जैसा कि प्रचाराङ्ग नियुक्ति वृत्ति एवं लोकप्रकाश में कहा है कि हव खित्त' । निउणो य हवइ कालो तत्तो निउरणयरं अंगुल सेडी मित्त श्रसप्पिणीओ काल वृद्धौ द्रव्यभाव क्षेत्र क्षेत्र वृद्धौ तु कालस्य भजना क्षेत्र सौक्ष्मतः ॥ द्रव्यपर्याययोवृद्धिरवश्यं क्षेत्रवृद्धितः 1 असं खिज्जा | वृद्धिरसंशयम् | Aho ! Shrutgyanam

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