Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 02
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy
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गुटिकाप्रकरणम् ]
द्वितीयो भागः ।
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घीमें भून लीजिए और फिर मिश्री की चाशनी में | इन्हें सुखोदक ( कुछ गर्म ) पानीके साथ मिला दीजिए। जब ठण्डी हो जाय तो उसमें सेवन करनेसे अजीर्ण, अलसक, विसूचिका और शहद मिलाकर १।१। तोले के मोदक बना। अफारा नष्ट होता है। तथा अपानवायु खुलता है। लीजिए।
(२०२२) जीरकाद्यो मोदकः (भै.र.।स्त्री.) प्रतिदिन प्रातःकाल शीतल जलके साथ १- जीरकस्य पलान्यष्टौ शुण्ठी धान्यं पलत्रयम् । १ मोदक खानेसे सर्व प्रकार के ग्रहणी रोग, आमा- शतपुष्पा यमानी च कृष्णजीरं पलं पलम् । च्छादित पित्तरोग, अग्निमांद्य, अतिसार, रक्तातिसार, क्षीरद्विप्रस्थसंयुक्तं खण्डस्यार्द्धशतं पलम् । विषमज्वर, पेटमें अत्यधिक गुड़गुड़ाट शब्द होग, । घृतस्यापि पलान्यष्टौ शनैर्मेद्वग्निना पचेत् ।। अम्लपित्त, एक दोषज द्विदोषज और सन्निपातज व्योषं त्रिजातकञ्चैव विडङ्ग चव्यचित्रकम् । उदर रोग, शूल और अरुचिका नाश होता है। मुस्तकञ्च लवङ्गश्च पलांशं संपकल्पयेत् ॥ इस औषधका आविष्कार श्री महादेन महोदय
मन्देन वहिना पक्त्वा मोदकं कारयेद्भिषक् । ने संसारके कल्याण के लिए किया है। (इस |
सर्वयोषिद्विकाराणाम् नाशनं वह्निदीपनम् । प्रयोग में मिश्री समस्त चूर्ण के बराबर लेनी मृतिकारोगशमनं विशेषाद्रहणीहरम् ॥ चाहिए।)
जीरेका चूर्ण ८ पल ( ४० तोले ), सोंठ जीरकादिमोदकः (वृहद् ) ( भै. र. । ग्र.)
और धनियेका चूर्ण ३-३ पल, सोया ( अथवा
सौंफ ), अजवायन और काले जीरेका चूर्ण १-१ वृहजीरकादि मोदक देखिए
पल ( ५-५ तोले), दूध ३२ पल (२ सेर) और (२०२१) जीरकाद्या गुटिका(ग.नि.।गुटिका.) खांड ५० पल तथा घी ८ पल लेकर सबको जीरकभागद्वितयमेको भागस्तथैव मरिचस्थ ।। एकत्र मिलाकर मन्दाग्निपर पकाइये । जब चाशनी द्वौ भागौ सिन्धूत्थाद्धिङ्गो गश्चतुर्थाशः ॥ । आ जाय तो उसमें त्रिकुटा (सोंठ, मिर्च, पीपल), कार्या गुडेन वटिकाजीर्णालसको दालचीनी, तेजपात, बायबिडंग, चव, चीता, मोथा
विचिकाध्मानौ। और लौंगका १-१ पल (५-५ तोले ) चूर्ण हन्ति सुखोदकपीताऽनुलोमिनी मूढवातस्य ॥ मिलाकर मोदक बना लीजिए।
___जीरा २ भाग, काली मिर्च १ भाग, सेंधा | । इन्हें सेवन करनेसे समस्त स्त्रीरोग, विशेषतः नमक २ भाग, और भुनी हुई हींग १ चौथाई सूतिका रोग और संग्रहणी नष्ट होती तथा अग्नि भाग । सब चीजोंके भहीन चूर्णको (समान भाग) गुड़में मिलाकर ( ६-६ माशेकी ) गोलियां बना ( मात्रा १ तोला । अनुपान गर्म दूध या लीजिए।
| जल ।)
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