Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 02
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

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Page 543
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनी [५३१] १८२० , संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण तैलप्रकरणम् १४५१ गोशकृदादिलेप: पामा, कच्छ १३७७ गण्डीगदितैलम मण्डल, किटिभकुष्ट, . १८१७ चक्रमर्दादि ., सर्वकुष्ट १३८२ गन्धपिष्टितेलम खुजली दनु १३८५ गुग्गुल्वादिसूर्यपाक तैलम् कुष्ट किटिभ १८०२ चित्रकतैलम् पुराना श्वेतकुट,मण्डल १८२२ चतुरङ्गुलपर्णादि । सिध्म कण्डु, विसर्प १८३५ चन्द्रशूरादिलेपः दादको अवश्य नष्ट २०५७ जीरक तैलम् तरखुजली करता है। २०६० जीवन्यायो- किटिभ, सिध्म, वि- १८३६ चिञ्चापत्ररसयोगः दादके कृमि नष्ट यमकः पादिका करता है। २०६१ ज्योतिष्मतीतैलम् श्वेतकुष्ट (अत्यन्त सरल योग) २४७२ तृणकतैलम् कुष्ट १८३८ चित्रकादिलेपः मण्डल कुष्ठ लेपप्रकरणम् २०६८ जलादिलेपः पित्त कफज कुष्ट १४११ गन्धकादिलेपः सिम २४८९ तमालपत्रादियोगः सिध्म, किलास २४९१ ताम्बूलचूर्णादिलेपः शरीरकी दुर्गन्धि श्वेतकुष्ट २४९३ तालकादिलेपः सिध्म १४१७ गन्धपापाण,, पामा, कछु २४९४ ,, , वित्र १४२२ गिरिकांयोगः इवेतकुष्ट २५१० तुम्बर्वाद्युद्वर्तनम् किटिभ, सिध्म, भि. १४२४ गुग्गुल्बादिलेपः लावेकी सूजन, दाद, १४२५ गुञ्जादिलेपः स्वित्रकुट कपाल कुष्ट २५१४ त्रिफलादिप्रयोगः विपादिका १४२७ , , गजचर्म, दद्रु, कण्डू, २५१८ त्रिफलादिलेपः स्वित्र रकस १४३१ गुजाफलादिलेपः स्वेतकुष्ट रसप्रकरणम् १४३५ गुडादिलेपः पैरफटना १५०२ गजचर्मारिरसः गजचर्म १४३८ गृहधूमादिलेपः दिवत्र, मण्डल, सुप्ति । १५१४ गन्धककल्पः पामा, खाज १४४९ गोमूत्रादिलेपः रकस १५२६ गन्धकप्रयोगः For Private And Personal

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