Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 02
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

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Page 547
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनी [५३५] संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण संख्या प्रयोगनाय मुख्य गुण १५७२ गुल्मगजाराती गुल्म १९३३ चिन्तामणिरसः गुल्म, शूल, अफारा, १५७३ गुल्मनाशनरसः ५ प्रकारके गुल्म, विबन्ध अग्निमांद्य | २५८० ताम्रभस्मयोगः सर्व प्रकारके गुल्म १५७४ गुल्ममदेभसिंहोरस: पित्तगुल्म, रक्तगुल्म, मिश्रप्रकरणम् अग्निमांद्य, पित्त ___ गुदामें रखनेसे गुल्म १५७५ गुल्मवजिगीवटी गुल्म, आनाह. अजीज १६१५. गुल्महरावातः नष्ट होता है। शूल २८०६ तिलादिस्वेदः कफजगुल्मपर सेक १५७६ गुल्मशार्दूलरसः सर्वगुल्म, उदरशोथ, | | २८०९ त्रिकटादिवर्तिः गुल्म, उदावर्त, अफारा १५८१ गोपीजल: ___ गुल्म,शूल,पित्तरोग, १८ ग्रहणीरोगाधिकारः कषायप्रकरणम् | २००८ ज्वालामुखचूर्णम् सामग्रहणी, अन्त्र और, ११९९ गुडूच्यादिकाथः अग्निमांद्य, आम जठरके समस्त विकार संग्रहणी २३५१ त्रिफलादिक्षारः संग्रहणी, पाण्डु, अफा. १९५५ छिन्नोद्भवादिकषायः संग्रहणी रा, अर्श, अग्निमांद्यादि १९६६ जम्ब्बादिकाथः दुस्साध्य संग्रहणी, २३८४ त्र्यूषणाद्यं चूर्णम् संग्रहणी, शूल, अफार सर्वातिसार २२२३ तिक्तानवको गुदगूल, पित्तग्रहणी गुटिकाप्रकरणम् चूर्णप्रकरणम् १३१६ ग्रहणीकपाटवटिका ग्रहणी, रक्तातिसार १३०० ग्रन्थिकादिचूर्णम् संग्रहणी, मन्दाग्नि, 'न, १३१७ ग्रहणीशाईलवटिका अनेक वर्णका अतिअर्श सार भयङ्कर प्रवा१७०० चन्दनादिचूर्णम पित्तजग्रणी हिका १७१० चव्यादिचूर्णम् संग्रहणी । १७४३ चित्रकादिगुटिका आम, अग्निमांद्य १७२४ चित्रकादिचूर्णम् , २०२० जीरकादिमोदकः सर्वप्रकारकी ग्रहणी १९९६ जातिफलादिचूर्णम् पेटकी गुड़गुड़ाट, १९९९ जातीफलायंचूर्णम् वातकफज ग्रहणी, म आम, अतिसार, ज्वर न्दाग्नि, अरुचि, क्षय अर्श For Private And Personal

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