Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 02
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

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Page 552
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir [५४०] चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनी wwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwvvvvvvvvvv - - - - wwvvvvvvvvvvvvvvvvvvvvviwwwwww संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण १६६१ चन्दनादिपाचन गर्भिणीका ज्वर २२१८ तिलादि काथः पित्तज्वरपाचक दाहज्वर, अरुचि २२१९ , , कफज्वर, खांसी १६६५ , , मोतीझारा २२२० , रक्तपित्त, ज्वर ज्वरनाशक,पाचक है २२२१ ,, , लौटलौट आनेवाला १६७७ चातुर्भद्रम् कफपित्तज्वर, आम, ग्रहणी २२२२ , १६७८ चातुर्भरकपञ्चमूलादि ज्वरमें विरेचन करा, नेके लिए उत्तम। काथः सन्निपात १६७९ चातुर्भद्रम् वातकफञ्चर २१९५ ज्वरनाशकबस्तिः ज्वर १९४८ छिन्नादिकषायः पित्तज्वर २१९६ ज्वरनाशनोविरेकः , १९५२ , , जीर्णज्वर २१९७ ज्वरहरिबस्ति , १९५३ , पाचनम् पित्तज्वरपाचक है। २२३३ तुलसीपत्ररसः विषमज्वर १९५४ छिन्नोद्भवादिकषायः वातज, पित्तजकफज २२४० त्रायन्त्र्यादिकषायः कफपित्तज्वर ज्वर २२४१ " , हारिद्रकसन्निपात १९५७ , काथः कर्णकसन्निपात, अ- २२४२ , काथः सन्ततादिज्वर ग्निमांद्य २२४३ अभिन्यासज्वर, कफ१९७३ जलधरादि , प्रलाप ज्वर १९८० जात्यादि , ज्वरान्तर्गत मलबन्ध २२४४ ". कषायः पित्तज्वर १९८५ ज्वरहरो कषायदशकः ज्वर २२४६ ,, पित्तकफज्वर २२०८ तगरादि काथः प्रलाप, सन्निपात । २२५५ त्रिकटादिकाथः कण्ठकुब्ज सन्निपात २२१४ तिक्तादि , सन्निपात, दाह,मला वरोध, प्रलाप, श्वास, २२५७ त्रिकण्टकादिक्षीरः कफज्वर, मलमूत्रावरोध खांसी, तृषा २२५९ त्रिकार्षिकादिकषायाः सन्निपात, द्वन्द्वजज्वर २२१५ " " सतत ज्वर २२६६ त्रिफलाकाथः विषमज्वर २२१६ , " भयङ्कर ज्वर २२६९ त्रिफलादिकषायः पित्तकफज्वर २२१७ , " सन्निपात, रात्रिजाग- २२७० वातकफज्वर रण, दिवानिद्रा, मुख. २२७१ वातपित्तज्वर शोष, दाह, तृषा, २२७३ कफजज्वर कास। । २२७४ For Private And Personal

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