Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 02
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy
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चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनी
[५५१]
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संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण गुटिकाप्रकरणम्
२१२४ जीवननामा रसः पाण्डु, हलीमक, का१३१० गुडादिमण्डूरम् पाण्डु
मला, शोथ
२५६२ ताप्यादिचूर्णम् कामला घृतप्रकरणम् २४६१ त्र्यूषणादि घृतम् पाण्ड,हलीमक,खांसी २७०७ त्रिकटुकादिलौहम् ..
कामला, पाण्डु, ज्वर तैलमकरणम्
। २७३२ त्रिनेत्रायो रसः पाण्डु १७९२ चन्दनादि तैलम् पाण्डु, मन्दवर, २७४५ त्रिफलादि लेहः पाण्डु, कामला,
शोथ आसवारिष्टप्रकरणम्
२७४६ त्रिफलादि लोहम् पाण्डु, हलीमक, १४०९ गुडारिष्टः पाण्डुरोग
शोथ, ज्वर २४८७ त्रिफलारिष्टः पाण्ड, सूजन, अ
२७४७ ,
कामला रुचि खांसी।
,,
२७५७ त्रियोनि रसः पाण्डु, शोथ अञ्जनप्रकरणम्
२७६१ त्रिसङ्घटो रसः पाण्डु १८५४ चन्द्रप्रभागुटी कामला २७७० तैलोक्यनाथ पाण्डु, शोथ
२७७५ त्रैलोक्यसन्दर पाण्ड, शोथ नस्यप्रकरणम्
२७७६ ., ,. पाण्डु, शोथ, क्षय, २०९८ जालिनीफलादि कामला
२७८३ त्र्यूषणादिगुटिका पाण्डु, कृमि आदि रसप्रकरणम्
| २७८६ , मण्डरम् पाण्डु, कामला,शोथ १८९८ चन्द्रसूर्यात्मको रसः पाण्डु, कामला, ह
लीमक,वर, अरुचि २८ प्रमेह, मधुमेह तथा मूत्रातिसाराधिकारः कषायप्रकरणम्
१६५८ चन्दनादि काथः ओजोमेह ११६८ गुड़ची स्वरसः प्रमेह
१६७१ चम्पकमूलकषायः मूत्रातिसार
। १६७५ चव्यादि काथः कफजप्रमेह १२१७ गोक्षुरादि काथः पित्तज प्रमेह
१९४७ छिन्नादिकषायः सर्पिमेह १६४४ चणकयोगः
असाध्य, प्रमेहनाशक २२२६ तिन्दुकादि क्वाथः उपद्रवयुक्त लसिका सरल प्रयोग।
और माञ्जिष्ठ मेह।
उवर
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