Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 02
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

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Page 589
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनी [५७७] Nan....AAAAAPPhoranAAAAAAAAAAAAAAPr... AAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAA संख्या प्रयोगमाम मुख्य गुण संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण २५८६ ताम्र भस्मविधिः ३पहर अग्नि । १ २६२४ तार मारणम् १२ पुटी। पारद बराहपुट तालयोगसे। तालेन। २५८७ , , सोमनाथी । गमेयन्त्र २६२५ , , ३० पुटी । माक्षिक पाचित ।१ पहरी । योगसे पारद, हरताल और २६२६ माक्षिकयोगसे शिलायोगसे । | २६२७ । " १४ पुटी। माक्षिक२५८८ ताम्रभस्मशुद्धिः योगसे २५८९ ताम्रभस्मामृतीकरण २६२८ १४ पुटी। हरताल२५९१ ताम्रमारणम् पारद योगसे योगसे २५९२ , , पारद योगसे ४ पहरी २६२९ , शोधनम् २५९३ ,, गन्धक योगसे ६ पुटी २६३० , " २५९८ ताम्रविकारशान्तिः अशुद्ध ताम्र भक्षण २६३१ तारस्य विशेषशोधनम् विकार २६५८ तालभस्मप्रकारः कुष्ठ २५९९ ताम्रशुद्धिः २५५९ तालभस्मप्रयोगः , २६०० , " २६६० तालभस्मविधिः , २६६१ , , २६०२ , शोधनम् २६६२ " , वातव्याधि २६१६ तारक्रियाप्रकारः चान्दी बनाना २६६३ , , कुष्ठादि २६१७ , " " " वातरक्त २६१८ , , " " २६१९ , , २६६७ , मारणम् कुष्ठ, वातरक्त, फिरङ्ग२६२० तारमारणम् ३ पुटी चांदीभस्म रोग (वनस्पति योगसे) २६६८ , सिद्धमते । अनेकरोग २६२१ , , पारद योगसे चांदी २६७० तालशुद्धिः भस्म (८ पहरी) | २६७१ तालशोधनम् २६२२ , , पारदगन्धतालेन । । २६७२ , , (२ पुटी ) २६७३ तालसत्वपातनम् तालयोगसे। १ पुटी २६७४ " व्रण २६६५ " २६२३ " " For Private And Personal

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