Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 02
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

View full book text
Previous | Next

Page 566
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir [५५४ ] चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनी संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण ३० भगन्दराधिकारः गुग्गुलुप्रकरणम् २५०१ तिलादिकल्कः । भगन्दर, नासूर, उप१३२४ गुग्गुलुप्रयोगः । भगन्दर दंश और घावोंका १३३४ गुग्गुल्वादियोगः भगन्दर, कुष्ठ, गुल्म, शोधन रोपण। नाडीव्रण २५०३ तिलादिलेपः भगन्दर २४२३ त्रिफलागुग्गुलुः भगन्दर, शोथ, अर्श, । २५०५ ,, , रक्तस्राव और वेदनागुल्म युक्त भगन्दर तैलप्रकरणम् १८०६ चित्रकाद्यं तैलम् भगन्दरके लिए शोधन रसप्रकरणम् और रोपण है, घावके १६४० घनगर्भरसः भगन्दर स्थान का रंग पूर्ववत् १९२० चित्रविभाण्डको , कर देता है। २५७५ ताम्रभस्म प्रयोगः सर्वदोषज भगन्दर, लेपप्रकरणम् २०८१ ज्योतिष्मत्यादि भगन्दरके धावको २८१६ त्रिगुणाख्यं ताम्र · भगन्दर ___ शुद्ध करता है। ३१ भग्नाधिकारः चूर्णप्रकरणम् तैलप्रकरणम् १२८८ गोधूमचूर्णम् सन्धिभग्न, अस्थिभग्न । १३८१ गन्धतैलम् भग्नरोग ३२ मसूरिकाधिकारः कषायप्रकरणम् गुडूच्यादि मसूरिकाको जल्दी ११७९ गुडूच्यादिकाथः उपद्रवयुक्त वातपित्तज पकाता है। मसूरिका । १६५० चन्दनादि कल्कः मसूरिकाकी प्रारम्भिक दशामें उपयोगी है। ११८६ गुडूच्यादिक्काथः वातजमसूरिका के पाककालमें उप | १६५९ चन्दनादिकाथः शीतलाका ज्वर योगी है। १९७८ जातिपत्रादि , मुखपाक, कण्ठरोग व्रण For Private And Personal

Loading...

Page Navigation
1 ... 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597