Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 02
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

View full book text
Previous | Next

Page 575
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनी [५६३] AAAAAM MVAAAAAAAAAAAAAAMANA/ - - AWAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAA संख्या प्रयोगमाम २६४७ तालकेश्वररसः २७२२ त्रिनेत्ररसः मुख्य गुण वातरक्त गलिताङ्ग वातरक्त, आमवात । संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण मिश्रप्रकरणम् १९४५ चोपचीनीवाष्पः वातरक्त ४३ वातव्याध्यधिकारः कषायप्रकरणम् २४२७ त्र्यूषणादि सन्धि, अस्थि और ११६६ गुडूचीकाथः आमवात गुटिकागु० मज्जागत आमवात १२२५ प्रन्थिकादिक्काथः ऊरुस्तम्भ घृतप्रकरणम् १६८८ चोपचीनीप्रयोगः वातव्याधि २२०७ तगरमूलादिकाथः आमवात २४३५ तिल्वकघृतम् एकाङ्गगत तथा सा गगत वातरोग, चूर्णप्रकरणम् २४३६ , , वातव्याधिमें विरेचनो १७२० चित्रकादिचूर्णम् आमाशयगतवायु उपयोगी है। १७२२ ,, आमवात तैलप्रकरणम् २३४९ त्रिफला , ऊरुस्तम्भ । १३८१ गन्ध तैलम् पक्षाघात, आक्षेपक, २३५३ त्रिफलादि ,, , अर्दित, तालुशोष, २३६२ त्रिफलाद्यं , सुप्तिवात मन्यास्तम्भ । (छाती, ___ गुटिकाप्रकरणम् कन्धे और ग्रीवाको २०२५ ज्योतिष्मतीगुटिका समस्तवातरोग पुष्ट करता है।) - १३९४ गुडूची , वातव्याधिमें अनुगुग्गुळुप्रकरणम् वासन योग्य है। १३३६ गुडूच्यादिगुग्गुलुः क्रोष्टुशीर्ष १३९७ गृध्रसीहर , गृध्रसी, उरुग्रह २४१९ त्रयोदशङ्गगुग्गुलुः गृध्रसि, कटिग्रह, १४०२ ग्रन्थिकादि ,, पक्षाघात ___ हनुग्रह, योनिरोग। १७९१ चन्दनादि , ८० प्रकारके वात२४२२ त्रिफलागुग्गुलुः आमवात, सूजन, ज्वर रोग, वातरक्त, मर्म २४२४ , , ऊरुस्तम्भ और अस्थिकी चोट, १ अरुस्तम्भ और आमवात इसीमें सम्मिलित हैं। For Private And Personal

Loading...

Page Navigation
1 ... 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597