Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 02
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

View full book text
Previous | Next

Page 585
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra संख्या प्रयोगनाम ११९८ गुडूच्यादिकाथः १६३० घोषकस्वरसः १६५२ चन्दनादिकल्कः पैत्तिक प्रदरको ३ दिनमें नष्ट करता है "" "" १६६१ गर्भिणीका ज्वर गर्भरोधक १९६२ जपाकुसुमयोगः १९६३ जपादियोगः गर्भपोषक १९८१ जीवकपुत्रकवीज- बच्चोंका अल्पायुमें योगः मर जाना १९८४ ज्योतिष्मतीप्रयोगः रजप्रवर्तक है । २२१० तण्डुलीयकल्कः रक्तप्रदर २२१२ तण्डुलीयमूलप्रयोगः बन्ध्याकरणम् २२३० तिलादिकाथ: २२३१ काथः " चिकित्सा- - पथ-प्रदर्शिनी २२५० त्रायमाणादिकाथः मुख्य गुण योनिकी खाज योनिकन्द २२३२ 11 २२३४ तुलसी पत्रस्वरसः प्रसवके पश्चात्का शूल स्तन्यशोधक "" रक्तप्रदर, दाह नष्टार्तव चूर्ण प्रकरणम् " १२४५ गर्भस्तम्भनयोगः गर्भरक्षक है । १२४६ १२४९ गाढीकरणयोगः १२७८ गुदौर्गन्ध्यनाशक www.kobatirth.org 11 योनिसङ्कोचक 99 योगः १२८१ गैरिकादिचूर्णम् १६९८ चन्दनादिचूर्णम् चार प्रकारका प्रदर, रक्तातिसार, रक्तार्श, रक्तपित्त । योनिदुर्गन्ध योनिकन्द २०१३ जयादिवटी २०१९ जीरकादिमोदकः - २०२२ संख्या प्रयोगनाम १७०३ चन्दनाद्यं चूर्णम् २००४ जीर्णचेलीभस्म २१९९ टङ्गनादिचूर्णम् २३०८ तालीसगैरिकयोगः वन्ध्याकरणम् २३१७ तिलमूलादिचूर्णम् पुष्परोध, वातगुल्म २३३८ त्रिकटुकादियोगः मक्कलशूल गुटिकाप्रकरणम् 27 29 २०३१ जीरकाद्यलेहः For Private And Personal Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir " [ ५७३ ] मुख्य गुण गर्भाशयविकार अवलेहप्रकरणम् " पीडित योनिकी खाज जरायुशूल, ऋतुदोष, कटिशूल | योनिरोग सूतिकारोग, ग्रहणी में विशेष उपयोगी घृतप्रकरणम् १३६१ गुडूच्यादिघृतम् योनिगत वातविकार नाशक, गर्भस्थापक २०३४ जात्यादि योनिकी दुर्गन्ध वन्ध्यत्व २४३८ तुरङ्गगन्धा " २४५९ त्रिवृतादिमिश्रकः योनिशूल प्रदर, ज्वर, दाह, क्षय तैलप्रकरणम् १३८४ गर्भविलासतैलम् गर्भशूल, शोणितस्राव १३९६ गुडूच्यादि २४७० तिलतैलादियोगः पुत्रोत्पादक वातज योनिशूल

Loading...

Page Navigation
1 ... 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597