Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 02
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy
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संख्या प्रयोगनाम
१४०७ गुग्गुल्वासवः १८१३ चविकासवः
तैलप्रकरणम् २०६३ ज्योतिष्मतीतैल. विरेचक
आसवारिष्टप्रकरणम्
१९४१ चूलिकावटी २६०७ ताम्रेन्द्ररसः
रसप्रकरणम्
१२६७ गुडाष्टकम् २४०८ त्रिवृतादि गुटिका
१६७६ चाङ्गेरीप्रयोगः
""
गुटिकाप्रकरणम्
१७५१ चन्द्रावलेह :
मुख्य गुण
कषायप्रकरणम्
१७८३ चैतसघृतम्
१७८४
समस्त उदररोग, प्लीहा
उदररोग, गुल्म,
"
चिकित्सा - पथ-प्रदर्शिनी
शोधोदर, गुल्म, प्लीहा
उदररोग, कफवायु ।
अवलेहप्रकरणम्
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घृतप्रकरणम्
उदावर्त, शूल, शोध मलावरोध
उन्मादको ३ दिनमें
करता है।
९ उदावर्ताधिकारः
पित्तज उन्माद,
शरीरकी दाह ।
संख्या प्रयोगनाम
२७३८ त्रिपुरसुन्दरो रसः २७५४ त्रिभुवनकीर्तिः २७६७ त्रैलोक्यम्बर २७७४ त्रैलोक्यसुन्दर
चित्तविकार
उन्माद, मद, मूर्च्छा,
अपस्मार
२१८३ जम्बीरद्रावः
१० उन्मादाधिकारः
२४१५
"
मिश्रप्रकरणम्
२५४८ त्र्यूषणाद्यञ्जनम्
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२४११ त्रिवृतादि मोदक उदावर्त, शूल, कोष्ट
विकार
टिका
अफारा
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मुख्य गुण आमाशय रोग
समस्त उदररोग
१८७३ चण्डभैरवो रसः
"
वातोदर
अञ्जनप्रकरणम्
१८७९ चतुर्भुजरसः
१८८१ चतुर्मुखो रसः १९४३ चैतन्योदयरसः २९६१ ताण्डवारिलौहम्
[ ५२७ ]
यकृत, प्लीहा, गुल्म,
शूल, अफारा, अष्टीला पार्श्वशूलादि ।
"
नस्यप्रकरणम् १४७८ गिरिकर्णीमूलयोगः भूतबाधा, ग्रह । १४८३ ग्रहोपशमनार्थंनस्यम् भूत, ब्रह्मराक्षस
रसमकरणम्
अपस्मार, उन्माद
भूतोन्माद, ग्रह
उन्माद, अपस्मार
अपस्मार, उन्माद
तत्वोन्माद
ताण्डवरोग
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