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आत्म कथा जिनके लिये उनने जीवनभर तपस्या की उन्हीं के द्वारा ठुकराये गये. हैं और बड़े से बड़े शैतान भी असीम, आदर पूजा यश. पद आदिः पाते, रहे हैं, तब इन चीजों में क्या महत्ता रही. ? भक्तिमें और, .. एकान्तमें जोः आनन्द है वह आदर पूजा यश में कहाँ है। भक्ति. का आनन्द निर्दोष है अहिंसक है पर आदर पूजा यश का आनन्द. ईर्ष्याजनक है हिंसक है इसलिये वह राजस या तामस है । फिरः देख. तो सही धनमें पदमें आदरमें और यश. में आनन्द क्या है ? अधिक धन पाकर क्या तू अधिक खाने लगेगा. और अधिक खाकर. क्या तु अधिक सुखी हो सकेगा ? यदि नहीं, तो धन किस. काम. का.१ पद से भी तुझे क्या मिलेगा ? पद से अधिकार मिलता. है. आदर मिलता है, अधिकार से दूसरों का निग्रह कर सकते हैं पर इससे. तुझे क्या मिलेगा.?
: दूसरों को. मिटान से उनका मिटा हुआ. भाग तुझ में तो जुडेगा नहीं और जुड़ा भी तो उससे तेरा बोझ ही बढेगा, आनन्द ... क्या मिलेगा. ? रहा. आदर सो आदर से उच्च स्थान मिलता है. अगरः
उच्चस्थान की ही. तुझे भूख हो. तो जंगल में जाकर किंसी टेकरी पर क्यों नहीं चढ़ जाता ? मंच की. कुसी से वह टेकरी. काफी ऊँची है। यश, से. भी क्या लाभ है ? तारीफ के शब्द कोयल के स्वर से,... अधिक मोठे नहीं होते, तारीफ़ के शब्दों से सिर्फ, तुझे. ही. आनन्द. आता है। दूसरों को तो: ईर्ष्या ही होती है। इस प्रकार संसार में . दुःख ही है पर कोयल के स्वर से सभी को आनन्द मिलता है. इसलिये जंगल में रह कर चिड़ियों का चहचहाना सुन, नाम. बड़ाई.. में क्या रक्खा: है ?: मानले तेरा नाम अमर हो गया. पर मरने के बाद