Book Title: Aatmkatha
Author(s): Satya Samaj Sansthapak
Publisher: Satyashram Vardha

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Page 304
________________ (२९०) अनेक विवाह हुए हैं और विरोधी दर्शकों ने भी इसकी सराहना की है। पूरी विधि हिन्दी में ही है। . . . ९. सत्यसमाज और प्रार्थना-मूल्य एक आना । प्रतिदिन सुबह शाम पढ़ने योग्य प्रार्थनाएँ. सत्यसमाज के विषय में शंका समाधान और नियमावली । १०. नागयज्ञ (नाटक)-मूल्य आठ आना। __ भारत के आर्य और नागों का परस्पर द्वंद, उसका हल, और अन्त में दोनों का मेल; एक ऐतिहासिक कथानक को लेकर अनेकरसपूर्ण चित्रण के द्वारा बताया गया है। . एक लम्बी प्रस्तावना में हिन्दू मुसलमानों के झगड़ों के कारण और उनको दूर करने का उपाय भी बताया गया है । ११. हिन्दमुस्लिम-मेल-मूल्य डेढ़ आना । हिन्दू. मुसलमानों में जिन जिन बातोपर झगड़ा है उनका मर्म क्या है और किस तरह दोनों की भलाई हो सकती है दोनों की धार्मिक सामाजिक और राजनैतिक समस्या किस तरह सुलझ सकती है इसका अच्छा विवेचन है । यह पुस्तक घर घर पहुँचना चाहिये जिस से भारत संगठित और अविच्छेद्य बन सके। . .१२ आत्म कथा--मूल्य सवा रुपया । सत्यसमाज के संस्थापक स्वामी सत्यभक्त जी की विस्तृत आत्मकथा जिसे पढ़ने से जीवन की कितनी ही कठिनाइयाँ हल हो सकती हैं और जीवन निर्माण की कुञ्जी मिल सकती है। १३. निर्मल-योग-सन्देश--मूल्य दो पैसा । . . - पं. सूरजचन्द जी डाँगी रचित एक कीर्तन संगीतं ।

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