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विषय-सूची
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११. दक्षिणीय पञ्चतन्त्र १००, नेपाली संस्करण १०१. हितोपदेश १०२. बृहत्कथा संस्करण अथवा उतर-पश्चिमीय ..
संस्करण १०३. पह्नवी संस्करण और कथा की पश्चिम यात्रा ...
अध्याय १५
रूपक ५०४, रूपक का उद्भव १०५, रूपक का यूनानी उन्नव १०६. संस्कृत रूपक की विशेषताएं १०७. कतिपय महिमशाली रूपक १०८, शूजक १० है, हर्ष के नाम से प्रचलित तीन रूपक ११०, मुद्राराक्षस १११. बेणीसंहार ११२. भवभूति च ११३. राजशेखर ११४. दिङ नागरचित कुन्दमाता ११५. मुरारि ११६. कृष्णमिश्र ११७. रूपक-कला का हास
परिशिष्ट-बर्ग 1. पाश्चात्य जगत में संस्कृत का प्रचार कैसे हुआ ?
२. भारतीय धर्ग-माला का उद्भव . ३ मामो के अर्थ ज्ञाम का इतिहास
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