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चौबीसी पुराण
अभीतक अलग २ तीर्थकरोंके अलग २ नामोंसे पुराण निकाले गये थे, मुझे कई ग्राहोंने उक्त पुराणकी आवश्यकता दर्शाई तब मैंने पं० पन्नालालजी साहित्याचार्यसे उक्त ग्रंथका सम्पादन कराके ग्रंथ प्रकाशन किया है । ग्रंथ शास्त्राकार साइजमें चारों तरफ वार्डर देकर बहुतही सुन्दर छपाया गया है। मुख पृष्टपर जन्म कल्याणकका तिरंगा चित्र भी दिया गया है। जो दर्शनीय है।
एकबार प्रत्येक भाई व बहिनोंको इसका स्वाध्याय अवश्य ही करना चाहिये । न्यो० ३) सजिल्दका ४)।
नवीन तीर्थ यात्रा यात्राका समय आ गया, सारे भारतवर्षके क्षेत्रों - का समझमें आने लायक यही संग्रह है जो एक अनु
भवी विद्वान द्वारा सम्पादन कराके ८ उत्तम दर्शनीय चित्रोंसे विभूषित किया है जहां २ रेल, मोटर कच्चा रास्ता है इसका पूरा विवरण है पुराने बड़े २ पोथोंसे जो लाभ नहीं निकल सकता वह हमारी इस ६० पृष्ठकी पुस्तकसे आसानीसे निकल जायगा, परदेशमें एक मित्र की तरह आपको पथप्रदर्शक होगी। न्यो० ॥) मात्र ।