Book Title: Prachin Jainpad Shatak
Author(s): Jinvani Pracharak Karyalaya Calcutta
Publisher: Jinvani Pracharak Karyalaya

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Page 426
________________ / श्रीजिनेन्द्र दर्शनपाठ अर्थ व विधि सहित। इसमें श्री जिनमंदिरजी में प्रवेश करनेकी विधि, संस्कृत दर्शन स्तोत्र सार्थ, पं० दौलतरामजी कृत सकल ज्ञेय इत्यादि वीनती सार्थ, कौन २ द्रव्य लेकर दर्शन करना चाहिये, प्रत्येक द्रव्यका छंद मंत्र विधान, जिनवाणी स्तोत्र भाषा व प्रार्थना, रात्रिको दीप धूप से आरती करनेको आरती पाठ, जिनेन्द्रदेव से अन्त प्रार्थनाआदि विषय संग्रह किये गये हैं जिसमे दर्शन करना योग्य रीतिसे जान सक्ते हैं । पुस्तक सफेद मोटे चिकने कागजपर मोटे टाइपमें प्रकाशित कराई है । प्रत्येक जैनी भाईको सबसे पहिले इसे पढ़ना चाहिये । मूल्य सिर्फ 2) एकसाथ २५ लेने से डाकखर्च माफ | भारत हितैषी गायन | इसमें जुआ, शराब, भाँग, हुक्का, सिगरेट, बूढेका ब्याह, चोरी, सहा निषेधमें ८ ड्रामे व सामयिक शिक्षाप्रद भजन है मूल्य जैन भजन रत्नाकर । - सामयिक, उत्तम शिक्षाप्रद भजन मूल्य || द्रव्य दर्पण | छः द्रव्योंका विस्तार के साथ वर्णन । मूल्य निवेदक:-- मैनेजर - भारत हितैषी पुस्तकालय, सीकर (जैपुर,

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