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६५ मनुज नाग सुरेन्द्र जाके
६६ यारो मुझे सिगरट या वीडी
६७ रुमम ममझम बरर्षे वद० ६. राम नाम रस के एवज में है। ६६ रंडी बाजी में गरक जमाना
७० लीजो लीजो खबरिया हमारी ७. लीजिये सुध अय प्रभू श्रव०
(स) ७२ शान्त प्रभू शान्त ताका स्वाद ७३ सन्मति भवसागर के मांहि ७४ श्रीजिनदेवा जय श्रीजिनदेवा. ७५ सांझ समय जिन वंदो० ७६ सब स्वारथ का संसार है त किस
७ सुनियो भारत के सरदार ७. समझ म्न स्वारथ का संसार ७६ सकल भाषाओं में है उत्तम । सकल शेयज्ञायक तदपि
(ह) ो हो दोन बंधु श्रीपनी करु० ८२ हे प्रभू अशरण शरण तुम० -३ हे करणासागर जग के० ४ इया और शर्म तज रंडी