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( ७६ ) मान कहा भरख अज्ञानी चोरी कभी न करना। (चोरी) अब मेरी समझमें आई, वेशक है वहुत बुराई,
त्याग किया चोरीका मैंने आजसे मैंतो नियम करूं।।
(हिन्दी भाषा की प्रशंसा) सकल भाषाओं में रे उत्तम देवनागरी भाण | टेक ।। देवनागरी है वो भाषा, जो लिक्खो सो पढ़लो । और किसी में सिफत नहीं है चाहे परीक्षा करलो ।। . सकल भाषाओं में रे देव० ॥१॥ अक्षर केवल चार नागरी शब्द वना हरिद्वार । सात हरफ उरद के मिल कर बनता हरी दिवार ॥ सकल भाषाओं में रे उत्तम० ॥२॥ एच. ए. आर. डी. डब्ल्यू. ए. आर. (HA.RDWAR) अंग्रेजी में यार, इतनी दूर में लिखा जावे फिरभी हरी डार || सकल भाषाओं में रे० ॥ ३ ॥ किसी ने उर्दू में खत लिखकर मंगवाये थे आल | पढ़ने वाले ने क्या भेजा इक पिंजरे में उल्ल ।। सकल भाषा० ॥४॥ शुड,SHOULD) में एल लिखा जाता है पढने में नही आवे कौन खता के बगैर मतलब विस्था पकड़ा जावे ॥ सकल भाषा० ॥३॥