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विरोधी-बुरी भारत की राह वुरी भारत की शह, मत कर छोटे से भाई का व्याह वुरी भारत की राह० ।। (दोहा) क्या कहते हो भ्रातजी, भाई प्रति ही बाल, आठ वर्ष की उमर में, क्या व्याहन का काल 11 वुरी भारत की राह० ॥ ४ ॥ फर्ता - क्यों होगा आनंद नहीं, भाई का है व्याह | वात खुशी की है बड़ी, सबको होगी चाह || मेरे भाई का व्याह० ॥ ५ ॥ विरोधी - धूम मचाई अटपटी, खुशी मनाई तुम सब कुछ नहीं समझते, गलती है वुरी भारत की राह० ॥ ६ ॥
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भूर
भरपूर
फर्ता - मेरी भावज को अभी, लगा वारहवां वर्ष । जोड़ी अच्छी देखके, सबने माना हर्ष ॥ मेरे भाई ० ॥ ७ ॥
विरोधी - भावज भाई से बड़ी, लगा वारहवां वर्ष | लानत ऐसे व्याह पर, क्यों माना है हर्प ॥ वुरी भारत की० ॥ ८ ॥
कर्ता-लड़की भी है वो बड़ी, रक्खें कैसे लोग | पढ़ने से क्या होगा, कहते है सब लोग || मेरे भाई का व्याह ॥ ६ ॥
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