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ENOUNNEL
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'ग्राहक होनेके नियम। १-१) रुपया प्रवेशफी देनेसे हर कोई भाई ग्राहक हो सक्त हैं परंतु प्रकाशित ग्रंथोंमें कमसे कम ५)रु०के ग्रंथ लेने होंगे।
२–ग्राहकोंको १ वर्ष में कमसे कम १० रुपयाके नवीन 3 ग्रंथ जो प्रकाशित होंगे वह लेने ही होंगे। E, ३-जिन ग्राहकोंकी वी० पी०. वापिस आयगी उनको
सूचना दे कर उनका नाम ग्राहक श्रेणोसे पृथक् कर दिया जायगा।
४-२०) रु०से ज्यादा ग्रन्थ मंगाते समय ५ रुपया पेशगी भेजना चाहिये, अन्यथा वी०पी० नहीं भेजी जायगी।
५-रास्तेमें अगर पार्सल खो जाय या खराब हो जाय तो उसके लिये कार्यालय दायी न होगा।
६-ग्रंथ तैयार होते हो प्राहकोंको सूचना दी जायगी अगर १० दिन तक उनकी इन्कारीको पत्र न आयगा. तो वी० पी० भेज दी जायगी-अगर हिसाबमें कुछ भूल हो तौ पासल छुड़ा कर यहां पत्र लिखें ठीक कर दी जायगी। पर पार्सल लौटानेसे उभयपक्षकी हानि ही है।
. नृपेन्द्रकुमार जैन-मैनेजर,
जिनवाणी प्रचारक कार्यालय,
८३ लोअर चिनपुर रोड कलकत्ता IIMTINI HIPIII!!!?18?11?!!?!? DIT NIEUNITS
AIMINIMIMIMINAINITIANIMAL