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अनुक्रमणिका
[न्यायरत्नसार लघुव्याख्या]
प्रथम अध्याय
प्रथम अध्याय
सूत्र १-१३
पृष्ठ १-६
प्रमाण का स्वरूप तथा लक्षण
सूत्र १-१८
पृष्ठ ७-१२
द्वितीय अध्याय
प्रमाण के भेदोपभेद
पृष्ठ १३-३३
तृतीय अध्याय परोक्ष प्रमाण के भेद : उनके विविध लक्षण
स्मृति, प्रत्यभिज्ञा, तर्क एवं अनुमान प्रमाण का कथन
पृष्ठ ३४-४४
चतुर्थ अध्याय
सूत्र १-३६ आगमप्रमाण का वर्णन : सप्तभंगी स्वरूप
पृष्ठ ४५-५८
पंचम अध्याय
सूत्र १-४० प्रमाण के फल-ज्ञान का वर्णन
षष्ठ अध्याय
सूत्र १-३७
पृष्ठ ६६-६६
नय का वर्णन
( ३६ )