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तस्कर प्रभव का हृदय परिवर्तन | ७३
स्वीकार करते हुए वे लोग जम्बूकुमार से विदा हुए -इस अभि लाषा के साथ कि यथाशीघ्र वे अपने अभिभावको से अनुमति प्राप्त कर लें और सयम ग्रहण करें । प्रभव का दल बड़ी शान्ति और गम्भीरता के साथ श्रेष्ठि-प्रासाद से बाहर निकला । जब इस रात्रि मे इस दल ने भवन मे प्रवेश किया था तब ये लोग कुछ और ही थे और अब, जब वे यहाँ से विदा हो रहे थे वे कुछ और ही हो गये थे । उनका हृदय परिवर्तन हो गया था, वे सन्मार्गी हो गये थे और इसका श्रेय जम्बूकुमार के प्रभाव को ही प्राप्त होता है ।