Book Title: Mukti ka Amar Rahi Jambukumar
Author(s): Rajendramuni, Lakshman Bhatnagar
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 242
________________ २३० | मुक्ति का अमर राही : जम्बूकुमार हाथी को वश में करने का और विद्याधर मृगाक की सहायतार्थ विद्याधरराज रत्नचूल से युद्ध करने और युद्ध मे उसे दो वार पराजित करने का उल्लेख किया गया है किन्तु श्वेताम्बर परम्परा-मान्य किसी ग्रन्थ में इन दोनो घटनाओ का उल्लेख नहीं मिलता। श्वेताम्बर परम्परा के सभी ग्रन्यो मे जम्बूस्वामी का वीर निर्वाण स० ६४ मे निर्वाण होना मान्य है किन्तु दिगम्बर परम्परा के प्राचीन ग्रन्थ तिलोयपण्णत्ती तथा पट्टावलियो में वीर निर्वाण सवत ६२ मे तथा अनेक दिगम्बर ग्रन्थो मे वीर नि० स० ६४ मे निर्वाण होना माना गया है।' १ जैनधर्म का मौलिक इतिहास

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