Book Title: Mukti ka Amar Rahi Jambukumar
Author(s): Rajendramuni, Lakshman Bhatnagar
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 240
________________ दिगम्बर जैन-साहित्य में जम्ब यद्यपि आर्य जम्बू को श्वेताम्बर व दिगम्बर दोनो ही परम्पराओ मे अन्तिम केवली माना गया है तथापि कुछ विषयो मे दोनो परम्पराओ मे मतभेद है-जैसे श्वेताम्बर साहित्य मे जम्बूकुमार के पिता का नाम ऋषभदत्त व माता का नाम धारिणी है जबकि दिगम्बर परम्परा मे पिता का नाम अहंडास व माता का नाम जिनमती बताया है। श्वेताम्बर मान्यतानुसार ८ कन्याओ के साथ जम्बूकुमार का विवाह हुआ जबकि दिगम्बर परम्परानुसार ४ कन्याओ के साथ । श्वेताम्बर मान्यतानुसार प्रभव चोर अपने ५०० साथियो के साथ जम्बूकुमार के भवन मे चोरी हेतु पहुंचा । दिगम्बर मान्यतानुसार प्रभव नही था अपितु विद्युच्चर नामक चोर था । ___ श्वेताम्बरानुसार आर्य प्रभव विन्ध्य की तलहटी मे जयपुर राज्य के राजकुमार थे किन्तु दिगम्बर ग्रन्थकारो ने विद्युच्चर को हस्तिनापुर का राजकुमार बताया है ।' १ अथान्त मगधे देशे विद्यते नगर महत् । हस्तिनापुरनाम्ना स्वलों कैकपुरोपमम् ॥२८॥ तत्रास्ति सवरोनाम्ना भूपोदोर्दण्डमण्डित । तस्य भार्यास्ति श्रीषेणा कामयष्टि प्रियवदा ।।२।।

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