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जैन तत्व प्रकाश लोकाकार त्रसनाल
अनुष्य १५७५ सिद्ध भगवंत
कोस कोस ३
सिद्ध शिला
अरण
अच्युत देवलोक
देवलोक
पाण
देवलोक
आण देवलोक
सहस्त्रार
देवलोक
चौड़ा ५ रज्जू
३)३७॥
महाशुक्र
देवलोक
लांतक
देवलोक
महेन्द्र
सनत
देवलोक
देवलोक
ऊंचा लोक
देवलोक
३९॥
तिरछा
समुद्र
१८०० योजन ऊंचा
बाणव्यन्तर ८०योजन, व्यन्तर ८०० योजन
रत्नप्रभा
धम्मा
७ रज्जू नीचा लोक
शर्कराप्रमा
बालूप्रमा
सीला
पंकप्रभा
अंजना
घुमप्रमा
तमप्रमा
मघा
१ तमतमाप्रभा
माधवती
सर्व१४ रज्न
अस नाल उंची है
सर्व घनाकार ३४३ रज्यू सम्पूर्ण लोक है
नित्य निगोद
७रज्जू चौड़ा
बनोदषी २०००० योजन घनवाय २०००० योजन तनवाय २०००० योजन
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